प्रशांत किशोर के आमरण अनशन में बिहार नहीं... यूपी-दिल्ली से भी पहुंचे थे लोग, पटना DM का खुलासा
Prashant Kishor: पटना डीएम के अनुसार 15 गाड़ियों को सीज किया गया है. गांधी मैदान में धरना देने से भी मना किया गया है. अगर आगे गांधी मैदान में प्रदर्शन की कोशिश की गई तो सख्ती से निपटा जाएगा.
Prashant Kishor Arrested: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर को सोमवार (06 जनवरी, 2025) की सुबह पटना पुलिस ने गांधी मैदान से हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया. हालांकि कोर्ट से प्रशांत किशोर को बेल मिल गई है. प्रशांत किशोर के इस आमरण अनशन में बिहार ही नहीं बल्कि यूपी और दिल्ली से भी लोग आए थे इसकी जानकारी पटना डीएम की ओर से दी गई है.
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि 43 लोगों को हिरासत में लिया गया है. 43 लोगों में से 30 का वेरिफिकेशन किया गया है. इसमें से पांच लोग पटना और प्रदेश के अन्य जिलों से हैं. सभी पार्टी विशेष के कार्यकर्ता हैं. इसके अलावा चार लोग यूपी के हां जबकि एक व्यक्ति दिल्ली का रहने वाला है. हिरासत में लिए गए लोगों का वेरिफिकेशन अभी जारी है.
पटना डीएम ने कहा कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों में छात्र भी शामिल हैं, लेकिन जिन 30 लोगों का अभी तक वेरिफिकेशन हुआ है उसमें से कोई छात्र नहीं है. कुछ लोग छात्र होने का दावा कर रहे हैं उनका भी सत्यापन किया जा रहा है. मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि डीएम का यह बयान कोर्ट में पीके की जब पेशी नहीं हुई थी तब का है.
'अब धरना प्रदर्शन की कोशिश की तो सख्ती से निपटेंगे'
डीएम चंद्रशेखर सिंह ने आगे कहा कि 15 गाड़ियों को सीज किया गया है. उन्होंने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से आग्रह करना चाहूंगा कि जो निर्धारित स्थल है, जिसको धरना प्रदर्शन करना है वहीं करें. ये (गांधी मैदान) प्रतिबंधित स्थल है. यहां धरना प्रदर्शन बिल्कुल न करें. अगर किसी ने यहां फिर से धरना प्रदर्शन करने की कोशिश की तो हम सख्ती से उससे निपटेंगे. उन्होंने कहा कि अब मामला उच्चत्तम न्यायालय में जा चुका है. सभी लोग अपनी बात वहीं पर रखें. जो न्यायालय का निर्णय होगा, वो सभी लोगों को मान्य होना चाहिए.
2 जनवरी से आमरण अनशन पर थे प्रशांत किशोर
बता दें कि 70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर दो जनवरी से पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे थे. री-एग्जाम की मांग हो रही थी. पीके ने यहां तक कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कम से कम एक बार छात्रों की बात सुन लें. गांधी मैदान में धरना देने पर उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था. इसके बावजूद प्रशांत किशोर वहां डटे रहे. इसके बाद यह पूरा एक्शन हुआ है.
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