Bihar Land Survey News: बिहार में भूमि सर्वे का काम चल रहा है. रैयत अपनी जमीन के कागजात के लिए अंचलाधिकारी से लेकर डीसीएलआर (भूमि सुधार उप समाहर्ता) के कार्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं. इस बीच डीसीएलआर कार्यालय के न्यायालय में लगातार लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आ रहे हैं. इसको लेकर पटना डीएम ने सख्त एक्शन लेने की तैयारी की है. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने सभी डीसीएलआर न्यायालय का निरीक्षण करने के लिए एक जांच टीम बनाई है. ये टीम 15 दिनों में रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी. गड़बड़ी पाई गई तो डीसीएलआर पर एक्शन लिया जा सकता है.
बीते सोमवार (18 नवंबर) को इस संबंध में पटना जिलाधिकारी की गोपनीय शाखा से पत्र जारी किया गया है. इसमें पटना जिलाधिकारी ने जांच दल को जिले के सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. पत्र में लिखा गया है कि राजस्व मामलों में समीक्षा के क्रम में यह पाया जा रहा है कि भूमि सुधार उप समाहर्ता न्यायालय में बड़ी संख्या में राजस्व के मामले में लंबित हैं. कहा गया कि दाखिल खारिज, अपील, भूमि विवाद, अधिनियम के अंतर्गत दायर मामले, लगान निर्धारण वाद, मापी अपील के मामले इन सभी कार्यों में शिथिलता पाई जा रही है.
शिकायतों को देखते हुए जांच दल का किया गया गठन
इसके साथ ही डीएम ने लिखा है कि साप्ताहिक जनता दरबार में भी अनेक परिवादी जाकर शिकायत कर रहे हैं कि भूमि उप समाहर्ता न्यायालय में दायर मामले का समुचित ढंग से निष्पादन नहीं हो रहा है. कई मामले जानबूझकर भी लंबित रखे जा रहे हैं. इन सारी शिकायतों को देखते हुए जिलाधिकारी ने पटना जिला अंतर्गत सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए जांच दल का गठन किया है.
जांच दल में विकास आयुक्त समीर सौरभ को अध्यक्ष बनाया गया है. बता दें कि डीसीएलआर न्यायालय में किसी भी मामले के निष्पादन का समय 90 दिनों का होता है. इस अवधि में डीसीएलआर को कार्य का निष्पादन कर देना होता है, लेकिन ज्यादातर जगहों से इसमें लापरवाही की शिकायत मिलती है. इसको लेकर कुछ दिनों पहले भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने भी निर्देश दिया था. अब पटना डीएम ने जिले के सभी डीसीएलआर पर कार्रवाई के लिए कदम बढ़ा दिया है.
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