पटना: राजधानी पटना से सटे फतुहा थाना क्षेत्र के एक एक गांव में गुरुवार (14 सितंबर) की रात जमकर गोलीबारी हुई. इस घटना में एक पक्ष से दो और दूसरे पक्ष से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मामले में यह बात सामने आई है कि दूध के बकाए 400 रुपये को लेकर दो पक्ष भिड़े और तीन लाशें बिछ गईं जबकि एक युवक का इलाज चल रहा है, लेकिन कहानी इतनी ही नहीं है. इस ट्रिपल मर्डर केस में राज कुछ और है जो एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है. लोगों के साथ एक पुलिसकर्मी ने भी घटना के पीछे अवैध संबंध की बात बताई है. पढ़िए वो कहानी जिसकी दबी जुबान से चर्चा है.


पहले समझें किन दो लोगों के बीच था विवाद


एक पक्ष से प्रदीप सिंह की मौत हुई है. प्रदीप सिंह के दूध का पैसा गांव के सरपंच रामसुहावन गोप के बेटे के यहां बाकी था. पैसे को लेकर तीन-चार दिन से विवाद भी चल रहा था और मारपीट भी हो चुकी थी. मामला शांत तो हो गया था लेकिन प्रदीप के चचेरे भाई सुधीर ने बात बढ़ा दी और गुरुवार (14 सितंबर) की शाम विवाद बढ़ गया, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हो गई. दूसरे पक्ष से गांव के जय सिंह और शैलेश सिंह की मौत हुई है और ये दोनों रामसुहावन गोप की ओर से बीचबचाव कर रहे थे. एक युवक जो जख्मी है उसका नाम मिंटूस है लेकिन यह गांव से बाहर का है.



प्रदीप सिंह का चचेरा भाई सुधीर ही सूत्रधार?


इस घटना को लेकर एबीपी न्यूज़ ने पड़ताल की. ग्रामीणों से बातचीत में यह पता चला कि दूध के लेनदेन के 400 का विवाद तो कारण है लेकिन इसके पीछे अवैध संबंध की गहरी साजिश है. मौके पर मौजूद और घटना की जांच में जुटे एक एसआई ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम का सूत्रधार सुधीर ही है. सुधीर पर हत्या और लूट के कई मामले कई थानों में दर्ज हैं.


'बोलो तो ठिकाने लगा दूं...'   


दूसरे पक्ष के मृतक शैलेश के भाई ने बताया कि प्रदीप का चचेरा भाई सुधीर क्रिमिनल माइंडेड व्यक्ति है. उसका संबंध अपने भाई प्रदीप की पत्नी से काफी दिनों से था. इसको लेकर घर में विवाद भी हुआ था. इस अवैध संबंध का प्रदीप हमेशा विरोध करता था. दूध के बकाए पैसे को लेकर तीन-चार दिन पहले हुए विवाद को सुधीर ने अपने भाई प्रदीप से कहा कि इन लोगों की हैसियत नहीं है इतना बोलने की, कहो तो उन लोगों को ठिकाने लगा दूं.



'सुधीर ने ही मारी अपने भाई प्रदीप को गोली'


इसके बाद सुधीर ने जाल बुना और गुरुवार की रात बाहर से लगभग 20 लोगों को बुलाया जिसमें एक मिंटूस भी शामिल है. गोली लगने के बाद जख्मी है और उसका इलाज चल रहा है. पहली गोली शैलेश सिंह को मारी गई. इसके बाद बीच बचाव में आए गांव के जय सिंह पर भी गोली चला दी गई. देखते-देखते दोनों ओर से गोलियां चलने लगीं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रदीप ने ही अपने चचेरे भाई सुधीर पर गोली चलाई है. उसके सीने में तीन गोली मारी और उससे उसकी मौत हो गई. अगर बात सही है तो निश्चित तौर पर इस पूरे घटनाक्रम का जाल बिछाने वाला और मास्टरमाइंड सुधीर कुमार है. फिलहाल आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई बोलने से इनकार कर रहा है लेकिन कैमरे के पीछे इसी बात की चर्चा है.


सुधीर अभी तक गिरफ्त से बाहर है. पुलिस का मानना है कि सुधीर की गिरफ्तारी के बाद मामले से पर्दा उठ जाएगा. इस मामले में अभी तक 12 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. एक राइफल और एक शॉट गन के साथ 12 खोखा बरामद किया गया है.


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