पटना: एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कोरोना संकट से निपटने, कोरोना मरीजों के जांच और ईलाज के लिए की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा मांगा है. साथ ही हाइकोर्ट ने जिलास्तरीय कोविड अस्पतालों की जानकारी, वहां कार्यरत डॉक्टरों, नर्स, मेडिकलकर्मियों की विस्तृत जानकारी देने का भी राज्य सरकार को निर्देश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.
दरअसल, कोरोना काल में सरकार के लापरवाह रैवये के खिलाफ एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें पटना समेत राज्य में कोरोना के बढ़ते संकट के बीच स्वास्थ्य सेवा और अस्पतालों की लचर व्यवस्था का मुद्दा उठाया गया है. इस मामले में पहले दो सुनवाई हो चुकी है, अब इस मामले में 13 अगस्त को अगली सुनवाई की जाएगी.
एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन जांच और ईलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है. राजधानी पटना के एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में बड़ी बदइंतजामी है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
इस संबंध में एबीपी न्यूज से खास बातचीत में दिनेश कुमार सिंह ने बताया, " एक दैनिक अखबार में 10 जुलाई, 2020 को छपे खबर को आधार मान कर जनहित याचिका दायर की गई है. खबर में यह कहा गया था कि कोरोना मरीजों के शव को गंगा में फेंका जा रहा है. हालांकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है, उसमें शव को किस तरह डिकंपोस करना है यह साफ बताया गया. बिहार में इसका पालन नहीं हो रहा, ऐसे में आम लोगों के हित में याचिका दायर की गई है, जिसपर फिलहाल सुनवाई हो रही है."