Bihar Business Connect: बिहार बिजनेस कनेक्ट का दूसरा संस्करण राज्य की राजधानी पटना में 19-20 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है. इसमें 80 देशों के भागीदारों के भाग लेने की उम्मीद है. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस दो दिन के आयोजन में केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव और प्रमुख उद्योग संघ शामिल होंगे. बता दें कि बीबीसी के माध्यम से राज्य कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और बिजलीचालित वाहन (ईवी) जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना चाहता हैं. इससे राज्य में रोजगार पैदा होगा और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा.


गुरुवार को आयोजित समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश के सभी विभागों के लिए समन्वित योजना तैयार की. यह मुख्य सचिव के साथ दूसरी समीक्षा बैठक थी. राज्य के उद्योग सचिव ने सबसे पहले बिहार बिजनेस कनेक्ट (बीबीसी) 2024 की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. पंजीकरण के लिए एक वेबसाइट 12 नवंबर से शुरू की जा चुकी है. 


5,000 पंजीकरण का है लक्ष्य 


एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल बीबीसी की वेबसाइट पर 3,000 लोगों ने पंजीकरण कराया था और इस साल इसके लिए लक्ष्य 5,000 का रखा गया है और अब तक 82 देशों के दूतावासों को निमंत्रण भेजा जा चुका है. अधिकारी ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों को भी आमंत्रित किया जाएगा. इसके अलावा देश के सभी प्रमुख उद्योग संघों को भी इसमें शामिल होने का न्योता दिया जा रहा है.’’


किए गए थे देश भर में रोड शो
 
‘बिहार बिजनेस कनेक्ट’ 2024 का पहला रोड शो इस साल जुलाई की शुरुआत में कोलकाता में आयोजित किया गया था. राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस निवेशक सम्मेलन को बढ़ावा देने और राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए देशभर में कई रोड शो किए हैं. हाल ही में, बिहार ने राज्य में तेजी से बढ़ते चमड़ा उद्योग में निवेश आकर्षित किया है. ‘बिहार लेदर इन्वेस्टर्स मीट’ का आयोजन 18 नवंबर को कानपुर में किया गया था. इस बैठक का मकसद वैश्विक चमड़ा उद्योग केंद्र के रूप में बिहार की उभरती भूमिका को प्रदर्शित करना था.


मिश्रा ने एक जुलाई को कोलकाता में कहा था, ‘‘बिहार घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों का ‘लाल कालीन’ बिछा कर स्वागत करेगा.’’ वहीं, वर्ष 2023 में निवेशक बैठक के पिछले संस्करण में 278 कंपनियों के तरफ से 50,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के लिए कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे.


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