पटनाः राज्य में जूनियर डॉक्टरों के अचानक हुए हड़ताल से मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं.इसका बड़ा असर पीएमसीएच में दिख रहा है. हड़ताल मरीजों के लिए भारी परेशानी का सबब बना हुआ है.यहां OPD के बाद अब इमरजेंसी से भी मरीजों का पलायन होने लगा है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के आज तीसरे दिन बिहार सरकार एक्शन में आई है और स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सेवा बाधित करने वाले जूनियर डॉक्टरों पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दे दिया है.



बताते चलें कि आज स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर की और से जारी आदेश में कहा गया है कि पीजी छात्र बिना किसी सूचना के हड़ताल पर हैं.वे लोग महाविद्यालय अस्पतालों के चिकित्सा सुविधाओं को बाधित कर रहे हैं. सरकार नागरिक और मरीजों को किसी भी स्थिति में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कृत संकल्पित है.




स्वास्थ विभाग ने जारी किया ये आदेश




स्वास्थ्य विभाग की और से जारी आदेश में कहा गया है कि पीजी छात्रों के कार्य बहिष्कार की अवधि में उनके स्टाइपेंन से नो वर्क नो पे के सिद्धांत के आधार पर कटौती की जाए.यदि किसी छात्र द्वारा ओपीडी, ऑपरेशन, इमरजेंसी, किसी भी अनिवार्य चिकित्सा को बाधित किया जाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. पीएमसीएच की अनुशासन समिति बैठक आहूत करें और इस पर निर्णय लें. शाम 4:00 बजे हर दिन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं.



हड़ताल से स्वास्थ व्यवस्था चरमराई



जूनियर डॉक्चरों के हड़ताल का असर पीएमसीएच में असर साफ-साफ देखा जा रहा है. जहां आसानी से नहीं मिलने वाले बेड 50 प्रतिशत से अधिक खाली पड़े हैं. टाटा वार्ड की इमरजेंसी सामान्य दिनों में फुल रहती थी, लेकिन पिछले 24 घंटे में मात्र 120 मरीज हीं यहां आए हैं .तीन दिनों की हड़ताल में इमरजेंसी से मरीजों का पलायन होने लगा है.