पटना : बिहार राज्य महिला आयोग में इन दिनों शिकायतकर्ताओं की शिकायत का ना तो निवारण करने वाला कोई है और ना इन्हे दिशा निर्देश या आश्वासन देने वाला.दरअसल बिहार राज्य महिला आयोग की सभी 7 सदस्यों के समेत आयोग की अध्यक्ष का कार्यकाल 31 अक्टूबर को समाप्त हो चुका है और इसके बाद से आयोग बंद है. इन दिनों वहां ना तो सुनवाई होती है और ना ही पीड़ितों की शिकायतों हीं दर्ज किया जाती है और जानकारी के अभाव में हर दिन दूरदराज के इलाकों से पिडितों का बड़ा हूजूम यहां पहुंच रहा है. जो यहां पहुंचने के बाद बाहर लगे नोटिस को पढ़कर मायूस हो लौट जाते हैं या जो पढ़ नहीं पाते वे लोग अंदर किसी कर्मचारी से पूछ कर लौट जा रहे हैं. बताते चलें कि आयोग की अध्यक्ष के साथ-साथ सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब नए सदस्यों के साथ टीम का गठन होने हैं और तब फिर से आयोग का दरवाजा पीड़ितों के लिए खुल सकेगा लेकिन चूंकि अभी इसके गठन में कितना समय लगेगा इसका जवाब किसी के पास नही है ऐसे में हर दिन अच्छी खासी भीड़ आयोग में जुट रही है और पीड़िता न्याय की तलाश में भटक रहीं है. बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने बात चीत के दौरान कहा कि अध्यक्ष और 7 सदस्यों के अपना 3 वर्षों का कार्यकाल पूरा कर लिया है, कार्यकाल समाप्त होने के बाद आयोग में कोई भी सुनवाई नहीं होती है जो भी पीड़ित इस दौरान आते हैं वो आवेदन आयोग के सचिव और कार्यालय कर्मचारी को देते हैं. लेकिन चूंकि परंपरा ये हीं रही है कि मामलों की सुनवाई नए अध्यक्ष और 7 सदस्यों के चयन के बाद ही शुरू किया जाता है तो ऐसा हीं होगा.बताते चलें कि आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष का चयन राज्यपाल द्वारा किया जाता है.