Ayodhya Ram Mandir: रामलला को दिए गए सोने के तीर-धनुष, पटना महावीर मंदिर ने कितने करोड़ की राशि दी? जानें
Ram Mandir Inauguration: 2 अप्रैल 2020 को जिस दिन श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुला था उसी दिन महावीर मंदिर की ओर से दो करोड़ रुपये की पहली किश्त दी गई थी.
पटना: प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले रविवार (21 जनवरी) को अमावा राम मंदिर की ओर से रामलाल को सोने के तीर-धनुष दिए गए. वहीं महावीर मंदिर की ओर से भी राम मंदिर के लिए दो करोड़ की शेष राशि दी गई. इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण में पटना के महावीर मंदिर ने 10 करोड़ के अपने योगदान का वचन पूरा किया. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को रविवार को दो करोड़ रुपये की अंतिम किश्त का चेक दिया.
दरअसल, आचार्य किशोर कुणाल ने 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आते ही महावीर मंदिर की ओर से राम मंदिर निर्माण में 10 करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने की घोषणा की थी. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 2 अप्रैल 2020 को जिस दिन श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुला था, उसी दिन महावीर मंदिर की ओर से दो करोड़ रुपये की पहली किश्त दी गई थी. वर्ष 2021, 2022 और 2023 में लगातार इतनी राशि दी जाती रही. अब अंतिम किश्त के रूप में 2 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दी गई.
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि किसी एक संस्था के द्वारा अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण में सहयोग के तौर पर 10 करोड़ रुपये देने वाला महावीर मंदिर देश का पहला संस्थान है.
रामलला को 2.5 किलो का स्वर्णजड़ित कोदंड भेंट
अयोध्या के अमावा राम मंदिर न्यास की ओर से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को सोने के तीर-धनुष दिए गए. अमावा राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के परासरन की ओर से उनके पौत्र विष्णु परासरन और सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने स्वर्ण जड़ित तीर-धनुष दिए. अमावा राम मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का धनुष जिसे कोदंड के नाम से जाना जाता है, उसे चेन्नई में बनवाया गया है. 2.5 किलो वजन का यह तीर-धनुष तांबे के बेस पर स्वर्ण जड़ित है.
यह भी पढ़ें- Ram Mandir Inauguration: 'आज मेरे पिता...', राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन क्यों भावुक हुए चिराग पासवान?