पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav 2022 Result) संपन्न हो चुका है. दो चरण में बिहार में निकाय चुनाव किया गया. दूसरे चरण की मतगणना शनिवार को समाप्त हो गई. पटना नगर निगम के मेयर के रूप में दूसरी बार सीता साहू ने (Patna Mayor Sita Sahu) जीत का परचम लहराया है. सीता साहू इससे पहले 2017 में पटना के मेयर बने थे. उस वक्त वार्ड 58 से वार्ड पार्षद के रूप में सीता साहू जीत कर आई थी और पार्षदों ने उन्हें मेयर चुना था. इस बार मेयर जनता की वोट से चुना गया है जिसमें सीता साहू भारी मतों से 79605 से जीत हासिल करते हुए रिकॉर्ड दर्ज किया है.


सीता साहू को 154791 मत मिला जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी पूर्व पटना में मेयर रहे अफजल इमाम की पत्नी महजवी को 75185 मत मिला. तीसरे नंबर पर विनिता बिट्टू सिंह को 64682 मत मिला. जीत के बाद भी सीता साहू ने कहा कि यह विकास के जीत है. जनता ने हमारे कामों को देखा था उसी की यह जीत है. जनता की वोट से भारी मतों से जीत कर आने के पीछे कई कारण हैं.साथ ही अब जीत के बाद भी उनके पास काफी सारी चुनौतियां हैं. जानिए इसके 10 मेन पॉइंट.
 
10 मुख्य बातें कारण


1. पटना नगर निगम के पास पहले विकास के लिए फंड बहुत कम थे, लेकिन इसे संयोग कहा जाए कि सीता साहू के 2017 में मेयर बनने के बाद केंद्र सरकार की योजना के तहत पटना को स्मार्ट सिटी बनाने का योजना आई. सभी वार्डो के फंड बढ़ा दिए गए.


2.लगातार 2002 से वार्ड पार्षद रहे रूपनारायण मेहता ने बताया कि पिछले वर्ष प्रत्येक वार्ड के विकास के लिए 13 करोड़ मिले थे. सीता साहू ने कभी किसी भी वार्ड में विकास के लिए पक्षपात नहीं किया.


3.साल 2019 में भारी बारिश के कारण पटना में भयानक जल जमाव हुआ था और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. उसके बाद सीता साहू अलर्ट हो गई और 2019 के बाद पटना में कुछ जगह हल्का जलजमाव छोड़कर कहीं भी बड़ा जलजमाव नहीं हुआ. यह भी मुख्य वजह रही.


4.सीता साहू ने जलजमाव से निजात के लिए पटना के सभी शम्प हाउस को पूर्ण रूप से चालू करवाया. पटना को नाले के पानी के निकास के लिए जल्ला क्षेत्र में बरमुत्ता बांध पर चलंत मोटर का निर्माण करवाया जिससे पटना का पानी तुरंत निकल जाता है.


5.सीता साहू सभी वार्डों के लिए दो जेसीबी मशीन, चार गाड़ी उपलब्ध करवाए. पटना की साफ-सफाई पर विशेष रूप से पैनी नजर रखी हुई थी.


6.सीता साहू विकास कार्यों के लिए सभी वार्ड पार्षदों के संपर्क में रहती थी. यही कारण है कि लगभग 70% पुराने चेहरे ही वार्ड पार्षद के रूप में जीत के आए हैं.


7.सीता साहू की जीत की मुख्य वजह यह बताई जा रही है. भले ही पटना नगर निगम का चुनाव पार्टी लेवल पर न  हुआ हो, लेकिन सीता साहू और उनका बेटा शिशिर साहू बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं .


8.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के सभी कार्यकर्ता को निर्देश था कि सीता साहू को जिताया जाए. विपक्षी खेमे के लोग भी सीता साहू की जीत को बीजेपी की जीत भी बता रहे हैं .कहा जा रहा कि बीजेपी का कैडर वोटिंग सीता साहू को भारी मतों से जीत दर्ज कराया है.


9.सीता साहू तो पटना की मेयर बन चुकी हैं, लेकिन उनके पास बहुत सारी चुनौतियां भी हैं. सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नमामि गंगे के तहत पटना के अधिकांश सड़क पर गड्ढे बने हुए हैं. कई सड़क जर्जर हो चुके हैं जिसे पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है.


10.पटना में कई जगहों की सड़कों तथा नालों की स्थिति इतनी ज्यादा खराब है कि कई जगह पर नाला टूटे फूटे हैं और लोग घटना का शिकार भी हुए हैं. कई लोग घायल हुए हैं . सड़क खराब होने के कारण गंदगी का अंबार भी कई जगह लगे रहते. सीता साहू को इन सब से निजात पाने के लिए कोई ठोस उपाय सोचने होंगे.


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