पटना: छपरा जहरीली शराब मामले (Bihar Hooch Tragedy) को लेकर उत्पाद एवं मद्य निधेष मंत्री सुनील कुमार (Sunil Kumar) ने सोमवार को कहा कि बिहार में अब तक 38 मौतें हुईं हैं. जहरीली शराब से 80 मौतें नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि शराब बेचना और पीना दोनों ही अपराध है. मरने पर मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं है. सुनील कुमार बोले कि अपराध करने पर मुआवजा नहीं मिलता है. जिन लोगों ने भी अपराध किया है उसपर कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा.
मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं
उत्पाद एवं मद्य निधेष मंत्री ने कहा कि साल 2016 में गोपालगंज में जो लोग मरे थे तब मृतकों के परिजनों को मुआवजा शराब बेचने वालों से वसूल करके दिया गया था. तब यह सब ट्रायल पर था. अब यह प्रावधान नहीं है. जो भी दोषी होंगे उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. छपरा में पुलिस वालों को निलंबित किया गया है. मामले की पूरी तरह से जांच की जा रही है. इस तरह की घटना दोबारा न घटे इसके लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि सोमवार को सदन का आखिरी दिन है. बीजेपी लगातार मुआवजा देने को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है. शराबबंदी से मौत के आंकड़े को भी 100 के पार बात रही, लेकिन प्रशासन और सरकार इस बात को मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है.
मुख्यमंत्री भी मुआवजे के खिलाफ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार यही बोल रहे कि जो भी लोग जहरीली शराब पीने से मरे हैं उनको परिजनों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. ये शराबबंदी नीति के खिलाफ है शराब पीना गंदा काम है. जो इस गंदे काम को करेगा उसका साथ सरकार कभी नहीं देगी. हालांकि नीतीश कुमार ने ये भी बयान दिया था कि जो शराब पिएगा वो तो मरेगा ही. उनके इस बयान पर भी जमकर सियासत गरमाई थी.
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