पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बने लगभग छह महीने हो चुके हैं. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सरकार बनने के पहले से और अब सरकार बनने के बाद भी 10 लाख लोगों को नौकरी देने का आश्वासन दे रहे हैं लेकिन पेंडिंग रिजल्ट भी क्लियर नहीं हो रहा है. सोमवार को बिहार तकनीकी सेवा आयोग के अभ्यर्थियों ने रिजल्ट की मांग को लेकर बीजेपी कार्यालय से लेकर आरजेडी और जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय तक जाकर प्रदर्शन किया.


अभ्यर्थियों ने अंत में जेडीयू कार्यालय के गेट पर काफी देर तक प्रदर्शन किया और यहीं बैठ गए. रिजल्ट देने की मांग करने लगे. अभ्यर्थियों का कहना था कि या तो रिजल्ट जारी कर दिया जा या इच्छा मृत्यु. हजारों की संख्या में इंजीनियर अभ्यर्थी पटना पहुंचे थे. जनवरी 2019 में आयोग द्वारा जूनियर इंजीनियर के पद पर बहाली निकाली गई थी. कुल 64 हजार पद थे. 2019 में परीक्षा भी हुई थी. रिजल्ट 2022 के अप्रैल में आया लेकिन उच्च न्यायालय ने रिजल्ट में त्रुटियां बताते हुए उसे रोक दिया.



दो महीने से अभ्यर्थी दे रहे धरना


हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी त्रुटि ठीक कर अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया. आठ महीने बीत गए हैं. एबीपी न्यूज़ से एक अभ्यर्थी कुंदन कुमार ने बताया कि हम लोग पिछले दो महीने से गर्दनीबाग में धरना दे रहे थे, लेकिन सरकार नहीं सुन रही है. चार साल हम लोग का समय बर्बाद हो चुका है. कई लोगों की उम्र भी पार होने वाली है. अब हम लोग करो या मरो की स्थिति में हैं.


एक अन्य अभ्यर्थी सारिका ने कहा कि 12 साल बाद 2019 में जूनियर इंजीनियर की डायरेक्ट बहाली निकली थी. रिजल्ट जारी नहीं कर हम लोगों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. हम लोग आज शांति प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर इससे भी सरकार नहीं सुनी तो हम लोगों का आंदोलन अब उग्र रूप लेगा और हम लोग अनशन करने पर मजबूर हो जाएंगे.


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