पटना: आरक्षण के कारण नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav) टल गया था. इसको लेकर अब तक राजनीतिक घमासान जारी है. महागठबंधन सरकार खासकर जेडीयू (JDU) ने इसका ठीकरा बीजेपी (BJP) पर फोड़ कर पूरे बिहार में धरना प्रदर्शन किया था. वहीं बीजेपी ने अब पलटवार किया. बीजेपी पूरे बिहार में धरना प्रदर्शन कर रही. सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पटना में विजय सिन्हा (Vijay Sinha) ने कहा कि सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) के अहंकार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. वो न्यायालय की किसी भी बात को नहीं मानना चाहते. यही कारण है कि निकाय चुनाव पर रोक लग गई. पार्टी आरक्षण बचाओ, चुनाव कराओ नारे के साथ प्रदर्शन कर रही. बीजेपी का कहना है महागठबंधन सरकार जानबूझकर नगर निकाय चुनाव लटका रही है. 


सीएम नीतीश के अहंकार के कारण हुआ ये निर्णय


प्रदर्शन में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी सहित कई प्रमुख नेता व भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे. इस दौरान विजय सिन्हा ने कहा कि सीएम नीतीश के अहंकार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. सीएम नीतीश को न्यायालय पर विश्वास नहीं रहा है. न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों में चुनाव हुआ है. सीएम नीतीश अति पिछड़ों को आरक्षण देते हुए चुनाव कराएं. क्यों आपको आपत्ति है? क्यों अहंकार के पोषक होकर आपने चुनाव को टाल दिया? जब तक अति पिछड़ों को आरक्षण देकर चुनाव नहीं कराया जाएगा तब तक सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे. 


सम्राट चौधरी ने अति पिछड़ों को सम्मान देने की कही बात


वहीं सम्राट चौधरी ने कहा कि यह दुखद है कि जेडीयू व बिहार सरकार कहती है कि सुप्रीम कोर्ट व पटना हाईकोर्ट को केंद्र सरकार चलाती है. नीतीश को आयोग बनाना चाहिए. अति पिछड़ों को सम्मान दीजिए. नगर निकाय चुनाव कराना चाहिए. आरक्षण बचाओ-नगर निकाय चुनाव कराओ. यह बीजेपी के धरना का उद्देश्य है. 


जेडीयू के आंदोलन का बीजेपी ने दिया है जवाब


जेडीयू की ओर से आंदोलन किया गया था. वहीं बीजेपी सोमवार को बिहार भर में सभी प्रखंड मुख्यालयों पर "आरक्षण बचाओ, नगर निकाय चुनाव कराओ" धरना प्रदर्शन कर रही. पूर्व में भी बीजेपी की ओर से कहा गया था की सुप्रीम कोर्ट के अबतक के छह फैसले आ चुके हैं. पिछले कुछ सालों में ओबीसी, ईबीसी को कितना आरक्षण देना है उसके लिए ट्रिपल टेस्ट जरूरी है. छह फैसलों में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था. नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किए बिना ही चुनाव करा रही थी. पटना हाईकोर्ट ने माना कि बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत बगैर ट्रिपल टेस्ट के अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया. 


निकाय चुनाव पर रोक को लेकर है बवाल


बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगर निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया था. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया था कि दूसरी डेट बाद में जारी की जाएगी. पटना हाई कोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षित सीटों को जनरल कर नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी करें. पटना हाईकोर्ट की ओर से नगर निकाय चुनाव में आरक्षण पर रोक लगाए जाने को जेडीयू ने बीजेपी की साजिश करार दिया था. 


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