Patna News: पाकिस्तानी महिला को भारतीय सेना का जवान देता था खुफिया जानकारी, बिहार ATS ने पटना से किया गिरफ्तार
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट पर बिहार एटीएस ने रविवार को यह कार्रवाई की है. गणेश बिहार के नालंदा के अस्थावां का रहने वाला है. वह सेना के मेडिकल कोर टीम का हिस्सा था.
पटनाः बिहार एंटी टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने रविवार को राजधानी पटना से सटे खगौल थाना क्षेत्र से भारतीय सेना के एक जवान गणेश कुमार को गिरफ्तार किया है. उसपर आरोप है कि वह पाकिस्तानी महिला जासूस के संपर्क में था. यह भी कहा जा रहा है कि सेना का जवान गणेश कुमार भारतीय सेना (Indian Army) से जुड़ी खुफिया जानकारी भी साझा करता था. इस मामले में कोई अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. वहीं, महिला जासूस के आईएसआई (ISI) से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है.
छठ के समय से ही लगी थी एटीएस की टीम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट पर बिहार एटीएस (Bihar ATS) ने रविवार को यह कार्रवाई की है. आईबी की रिपोर्ट के बाद छठ के दो दिन पहले से ही बिहार एटीएस की टीम गणेश कुमार के पीछे लगी थी. लगातार जांच के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है. गणेश बिहार के नालंदा के अस्थावां का रहने वाला है. वह सेना के मेडिकल कोर टीम का हिस्सा था. वह फिलहाल महाराष्ट्र के पुणे में पोस्टेड था.
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कैसे हुई थी महिला से गणेश कुमार की दोस्ती?
आपको बता दें कि रविवार को भारतीय सेना के जवान की गिरफ्तारी तो हो गई लेकिन फिलहाल सेना से जुड़ा कोई बड़ा अधिकारी इसपर कुछ भी बोलने से बच रहा है. सूत्रों की मानें तो सेना के जवान ने पूछताछ में पाकिस्तानी महिला से संबंध की बात स्वीकार की है. उसने बिहार एटीएस की टीम को बताया है कि महिला ने नाम बदलकर करीब दो साल पहले उससे फेसबुक पर दोस्ती की थी. उस समय वह राजस्थान के जोधपुर में पोस्टेड था. महिला ने खुद को नेवी की मेडिकल टीम का स्टाफ बताया था. इसके बाद दोस्ती हो गई. दोनों की फोन पर भी बातचीत होने लगी. अब जवान के फेसबुक प्रोफाइल से चैटिंग की भी पड़ताल की जा रही है. वहीं मोबाइल से कॉल डिटेल आदि की भी जांच हो रही है.
सेना के कई जवान हो चुके हैं शिकार
दरअसल, हनी ट्रैप एक तरह की जालसाजी है. इसमें खूबसूरत महिलाओं के जरिए दोस्ती कर महत्वपूर्ण जानकारियां ली जाती हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) कई सालों से यह कर रही है. बीते कुछ सालों में सेना के कई जवान इसके शिकार हुए हैं. कुछ साल पहले भारतीय सेना ने जवानों के इंटरनेट मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी.
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