पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में जेडीयू की ओर से 'आभार यात्रा' (JDU Aabhar Yatra) निकाली जा रही है. इसी क्रम में पटना में भी शनिवार को निकाली गई. सीएम नीतीश ने जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है इसलिए उनका आभार व्यक्त करने के मकसद से 'आभार यात्रा' निकाली गई. पटना में शनिवार को जेपी गोलंबर से कारगिल चौक तक यात्रा निकाली गई. इस दौरान बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी (Ashok Choudhary), जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) समेत हजारों कार्यकर्ता थे.
'नीतीश कुमार की ओर देख रहा कमजोर तबका'
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. हम लोग उन्हें धन्यवाद देते हैं. सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गिनती होगी. किसकी कितनी संख्या है इसका पता चलेगा. जातीय जनगणना होने से सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को होगा. कमजोर तबका नीतीश कुमार की ओर बहुत उम्मीद से देख रहा है.
यह भी पढ़ें- Bihar News: मुकेश सहनी का BJP पर हमला, संजय जायसवाल को लेकर कह दी बड़ी बात, डॉक्टर की डिग्री लेने से कोई...
'कमजोर वर्ग तक पहुंचेगा सरकारी योजनाओं का लाभ'
अशोक चौधरी ने कहा कि जातीय जनगणना कराने से कमजोर वर्ग तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचेगा. कमजोर वर्ग की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रमों को बनाने में मदद मिलेगी. समाज में हाशिए पर जो वर्ग है उसका विकास हो सकेगा. बीजेपी समेत सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर बिहार सरकार के साथ हैं.
बता दें कि पिछले साल सीएम नीतीश ने बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम मोदी से मुलाकात कर जातीय जनगणना कराने की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार राजी नहीं हुई. इसके बाद नीतीश कुमार ने पटना में सर्वदलीय बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया. बिहार सरकार खुद से जातीय जनगणना कराएगी इसका प्रस्ताव कैबिनेट से पारित हुआ.
500 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
बिहार सरकार को जातीय जनगणना कराने में 9 महीने लगेंगे और इसके लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को जिम्मा सौंपा है. जिलों में जिलाधिकारी गणना के नोडल अधिकारी होंगे.
यह भी पढ़ें- PM Narendra Modi Called Lalan Singh: जब PM ने कहा- ललन जी इधर आइए! सियासी गलियारे में शुरू हो गई ये चर्चा