पटना: राजधानी पटना में दिनदहाड़े एक शख्स को पुलिस ने उठा लिया. शुरुआत में लोगों को लगा कि किसी वकील का अपहरण किया गया है. यह सब पटना हाई कोर्ट के चार नंबर गेट से करीब 25 मीटर की दूरी पर हुआ. हाई कोर्ट के कुछ वकीलों को लगा कि यह अपहरण है. पुलिस सादे लिबास में थी इसलिए यह पता नहीं चला कि वे पुलिस वाले हैं. प्रत्यक्षदर्शी और हाई कोर्ट की एक वकील ने चार नंबर गेट के आगे की जगह को दिखाते हुए बताया कि यहीं से वकील को उठाया गया है. 


जिस शख्स को पुलिस ने उठाया उसने काली पैंट और उजला शर्ट पहन रखा था. लोगों को लगा कि वह पटना हाई कोर्ट का वकील है. बताया गया कि लगभग 10 बजकर 20 मिनट के आसपास तीन लोग आए और जबरन शख्स को उठाकर सफेद रंग की स्कॉर्पियो में बैठाकर तेजी में भाग गए.



अब जानिए क्या है ये पूरा माजरा


पुलिस ने जिस शख्स को उठाया उसका नाम मो. सिकंदर बताया जा रहा है. जमुई में मुखिया की हत्या का वह आरोपी है. उसे जमुई से आई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसके खिलाफ वारंट था. उसका अपहरण नहीं किया गया है. बता दें कि बुधवार को डीजीपी की बैठक के बाद से बिहार पुलिस एक्शन में है. मो. सिंकदर को पकड़ने के लिए जमुई से पुलिस पटना पहुंची थी. इसके बाद हाई कोर्ट के सामने से मो. सिकंदर को उठाकर पटना से ले गई.


इसके पहले अपहरण की होती रही चर्चा


एक प्रत्यक्षदर्शी एडवोकेट संजू सिंह ने कहा था कि जो लोग वकील को उठाने आए थे उनमें से एक के पास बेल्ट में गन भी थी. घटना के बाद तुरंत इसकी जानकारी एसोसिएशन को दी गई. घटना के बाद कुछ वकीलों ने कहा कि वे लोग दहशत में आ गए हैं. 


बिना नंबर प्लेट की आई थी गाड़ी


जिस जगह पर यह घटना हुई है वहां पर रहने वाली सुमन कुमारी ने बताया कि उनकी आंखों के सामने यह सबकुछ हुआ है. वकील साहब कोर्ट की तरफ जा रहे थे. इसी दौरान तीन लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. जबरन गाड़ी में बिठा लिया. जिस गाड़ी में उन्हें बिठाया गया उस पर नंबर प्लेट भी नहीं था. सूचना के बाद कोतवाली थाने की पुलिस पहुंची. बता दें कि लोगों ने पहले शख्स को वकील समझा था. बाद में मामला सामने आया कि वो वकील नहीं है.


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