पटनाः बिहार में सरकार चाहे लाख दावे कर ले कि कानून व्यवस्था दुरुस्त है लेकिन आज भी थाने में लोगों का आवेदन लेने के लिए उन्हें घंटों बैठाया जाता है. कई बार तो दोबारा आवेदन लाने की बात कह उन्हें लौटा दिया जाता है. ऐसा ही एक मामला आया है बिहार की राजधानी पटना से है जहां बीते सोमवार को बाईपास थाने में एक आवेदन के लिए मां-बेटी को सुबह 11.30 बजे से लेकर शाम के छह बजे तक इंतजार करना पड़ा. देर शाम थाना प्रभारी पहुंचे लेकिन हद देखिए कि उस आवेदन को पढ़कर बाईपास थाना के अध्यक्ष ने कह दिया कि यह आवेदन सही नहीं है, कल फिर से लेकर आना.
इस मामले में रानीपुर पैजाबा की रहने वाली महिला सुनैना कुशवाहा ने कहा कि वह तीन बेटियों के साथ रहती है. उसकी ढाई बीघा जमीन है जिस पर खेती कर वह परिवार की भरण पोषण करती है. उस जमीन पर पहले से विवाद चल रहा था, लेकिन जमीन पर दखल कब्जा सुनैना कुशवाहा का था. उसने अपने खेत में प्याज की खेती की थी. 23 नवंबर को कुछ लोग आए और प्याज की फसल उखाड़ ले गए. इसकी सूचना उसने पुलिस को दी.
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थाने में थे दो लोग, किसी ने बात तक नहीं सुनी
सुनैना ने बताया कि सूचना के काफी देर बाद पुलिस पहुंची और कुछ महिलाओं को फसल के साथ थाने ले गई, लेकिन बिना कार्रवाई के सबको छोड़ दिया गया. सोमवार को वह इसी मामले में आवेदन लेकर 11.30 बजे अपनी बेटी के साथ पहुंची लेकिन यहां किसी ने आवेदन नहीं लिया. सुनैना की बेटी श्रुमिलता ने थाने में बैठे दो लोगों (शायद मुंशी) से आवेदन लेने के लिए कहा लेकिन किसी ने पढ़ा तक नहीं. इस दौरान उसने थानाध्यक्ष को फोन लगाया लेकिन बात नहीं हुई. श्रुमिलता ने कहा कि इस मामले में उसने पहले भी एसएसपी को फोन कर शिकायत करनी चाही थी लेकिन एसएसपी ने भी फोन नहीं उठाया था.
इधर, पीड़िता ने इस संबंध में मीडिया को बताया कि वह सुबह 11.30 बजे से थाने में बैठी है. थाना प्रभारी तक नहीं हैं और उसका आवेदन लेने वाला कोई नहीं है. इसपर एबीपी न्यूज ने पटना के एसएसपी को दो बार फोन किया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया.
शाम के करीब छह बजे के आसपास थाना प्रभारी संजीत कुमार सिन्हा पहुंचे. इस दौरान मीडिया को देखकर भड़क गए. बाईपास थाना के प्रभारी संजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि वो एसएसपी के साथ क्राइम मीटिंग में थे. इसके बाद उन्होंने पीड़िता का आवेदन लिया और कहा कि इसे सुधार कर अगले दिन लेकर आना. यह बात कह मां-बेटी को थाने से भेज दिया.
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