पटना: राजधानी पटना में मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी. इसके मुताबिक बिहार में जातिगत जनगणना की समय सीमा 2023 मई तक बढ़ा दी गई है. पहले ये सीमा 2023 फरवरी तक की थी. इसके अलावा बिहार सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 15% बढ़ाया गया है. इसके साथ ही कैबिनेट ने खान एवं भूतत्व विभाग पटना के मुख्यालय के लिए 104 पदों की स्वीकृति दी है. इसके अलावा इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 50 नए पद सृजित होंगे. वहीं शराबबंदी के लिए 25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
सरकारी कर्मचारियों का 15% बढ़ा महंगाई भत्ता
पंचम केंद्रीय वेतनमान के वेतन पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, पेंशन भोगियों, परिवारिक पेंशन भोगियों को एक जुलाई 2022 के प्रभाव से 381% के स्थान पर 396% महंगाई भत्ता राहत की स्वीकृति दी है. वहीं छठे केंद्रीय वेतनमान के वेतन पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, पेंशन भोगियों, परिवारिक पेंशन भोगियों को एक जुलाई 2022 के प्रभाव से 203% के स्थान पर 212% प्रतिशत महंगाई भत्ता राहत की स्वीकृति दी है.
जातीय जनगणना की अवधि बढ़ी
बिहार में जातिगत जनगणना की समय सीमा 2023 मई तक बढ़ा दी गई है. पहले ये सीमा 2023 फरवरी तक की थी. वहीं जाति आधारित जनगणना के लिए एप एवं पोर्टल निर्माण परियोजना में परामर्शी के चयन होने वाले कुल अनुमानित दो करोड़ 44 लाख रुपये मात्र बेल्ट्रॉन पटना को भुगतान करने पर प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. इसके साथ ही कैबिनेट ने खान एवं भूतत्व विभाग पटना के मुख्यालय के लिए 104 पदों की स्वीकृति दी है. इसके अलावा इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 50 नए पद सृजित होंगे. शराबबंदी के लिए 25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इन सभी को मिलाकर कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी है.
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: एलजेपी के वोटर्स किसके? चाचा पशुपति पारस के दावे को भतीजे चिराग ने किया खारिज, जानिए उनका बयान