पटनाः पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को सहयोग करने का आरोप लगा है. इस मामले में स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SUV) ने सुनील कुमार सिन्हा को नोटिस भेजा है. आज मंगलवार को 11:00 बजे दिन में विजिलेंस इकाई कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. एसवीयू के कार्यालय में पहुंचने से पहले सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि जिस भ्रष्टाचारी की संलिप्तता में उन्हें नोटिस भेजा गया है वो उसे जानते तक नहीं हैं. 


सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि मैंने तो चेहरा भी नहीं देखा है. मुझे कैसे नोटिस मिल गया यह तो मैं भी नहीं जानता हूं. बता दें कि यह नोटिस विजिलेंस के डीएसपी विपिन बिहारी की ओर से भेजा गया है. सुनील कुमार ने कहा कि मैं सरकार के समर्थन में रहने वाली पार्टी से हूं. मैं कानून का सम्मान करता हूं. मुझे बुलाया गया है तो मैं अवश्य जाऊंगा. हमारी पार्टी के नेता पशुपति पारस को भी हमने सूचना दे दी है. उन्होंने भी आदेश दिया है कि आप जाकर मिलिए. मैं भी चाहता हूं कि जांच अच्छी तरह से हो.


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किसे सहयोग करने का लगा है आरोप?


यह पूरा मामला बुडको के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार यादव से जुड़ा हुआ है. इंजीनियर अनिल कुमार पर 400 करोड़ का टेंडर पास करने में बड़े स्तर का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. इसके बाद एसवीयू ने जांच शुरू की और  अनिल कुमार के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर 25 जुलाई को 98 लाख 41 हजार 366 रुपये नकद बरामद कर आय से अधिक संपत्ति की एफआईआर दर्ज की.


अगले दिन 26 जुलाई को विजिलेंस की टीम ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार यादव के पटना में पुनाइचाक स्थित फ्लैट और राजा पुल के पास स्थित ऑफिस में छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान सरकारी आमदनी से 5 गुना से अधिक चल अचल संपत्ति का पता चला था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुनील कुमार सिन्हा ने अनिल कुमार यादव के पक्ष में पैरवी करने के लिए विजिलेंस एसपी को फोन किया था. दोनों के बीच हॉट टॉक भी हुई थी.


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