पटनाः पिछले 8 सालों से रिजल्ट की मांग के लिए आंदोलन कर रहे उर्दू-बांग्ला टीईटी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को जेडीयू के विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी (Gulam Rasool Balyawi) के आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की और गुलाम रसूल बलियावी के आवास पर नेम प्लेट को ईंट से तोड़ने की कोशिश करने लगे. मौके पर कोतवाली थाने की पुलिस पहुंची और अभ्यर्थियों को खींचकर वहां से हटाया.


अभ्यर्थियों का कहना है कि रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर पिछले 8 सालों से वो आंदोलन कर रहे हैं. सरकार की तरफ से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, लेकिन अभी तक उनका रिजल्ट जारी नहीं हुआ है. एक अभ्यर्थी हसन रजा ने कहा कि 2014 में उर्दू-बांग्ला टीईटी की परीक्षा हुई थी. हम लोग 12,000 अभ्यर्थी हैं जो पास हो गए थे. अभी तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. कई नेता और शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई. कई बार आंदोलन हुआ लेकिन सुनवाई नहीं हुई.


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अभ्यर्थियों ने कहा कि उनका गुस्सा गुलाम रसूल बलियावी पर इसलिए है कि वह उनके कॉम के नेता हैं और सरकार में हैं. वह हमेशा भाषण में कहते हैं कि हम मुसलमान की बात उठाते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी उनके लिए आवाज नहीं उठाई. इसलिए गुलाम रसूल बलियावी के आवास पर वे आज पहुंचे हैं. अभ्यर्थियों  ने कहा जनरल टीईटी का रिजल्ट 50 से 45 परसेंट में हो जाता है, लेकिन उर्दू-बांग्ला टीईटी का रिजल्ट 60 परसेंट में होता है. हम लोग की मांग है कि 5% कट ऑफ कर के हम लोगों का रिजल्ट जारी किया जाए.


एमएलसी बलियावी ने क्या कहा?


विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि इन अभ्यर्थियों की मांग जायज है. इनकी उम्र भी खत्म होते जा रही है. इनकी मांग को सदन में तीन बार उठाया है, लेकिन राज्य सरकार की नियमावली होती है और केंद्र सरकार की गाइडलाइन होती है. सब कुछ राज्य सरकार के हाथ में नहीं होता है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन जब तक नहीं होगी हम लोग कुछ नहीं कर सकते हैं. जहां तक होगा हम उनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास करेंगे. 


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