VIDEO: ये कैसी कार्रवाई? पटना में दुकानों पर जबरन JCB चलाने पहुंची पुलिस, 2 दुकानदारों ने खुद को लगा ली आग
Bihar News: सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र के मेहंदीगंज गुमटी के पास गुरुवार को रेलवे प्रशासन दुकानों पर कार्रवाई करने पहुंचे थे. एक दुकानदार की स्थिति नाजुक है जबकि एक की हालत स्थिर बताई जा रही.
पटना: सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र के मेहंदीगंज गुमटी के पास रेलवे प्रशासन द्वारा जबरन दुकान खाली कराने पर स्थानीय दुकानदार ने कड़ा विरोध किया. इसको लेकर गुरुवार को सभी दुकानदार और स्थानीय लोग धरना-प्रदर्शन कर विरोध जता रहे थे. इधर, अपनी दुकान खाली होती देख पीड़ित दो दुकानदारों ने खुदकुशी कर ली. इस घटना को देख रेल पुलिस भाग निकली. इलाके में भगदड़ मच गया. स्थानीय लोगों ने आनन फानन में दोनों घायल दुकानदारों को अपोलो बर्न हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां उनकी स्थिति नाजुक है. एक को दिल्ली रेफर करने की बात की जा रही और दूसरा स्थिर है.
एक की स्थिति बेहद गंभीर
दुकानदारों का कहना है कि जमीन उनकी है और 40 वर्षों से इस जमीन पर दुकान चला रहे हैं. रेल प्रशासन रेलवे का जमीन बता कर दुकान वाले जमीन पर कब्जा करना चाह रही है जबकि इसके लिए हाईकोर्ट में मामला चल रहा है. रेलवे प्रशासन कोर्ट के फैसले के पहले ही साजिश कर जमीन कब्जा करना चाह रही है. बताया गया कि आग से जलने वाले में 45 वर्षीय अनिल कुमार जो हार्डवेयर सामान के दुकानदार हैं, वह लगभग 80% जल चुके हैं. आनन-फानन में अपोलो बर्न हॉस्पिटल भेजा गया है जहां से दिल्ली रेफर करने की बात की जा रही है.
आग लगने के बाद दुकानदारों को बचा रही पुलिस और लोग
दूसरा दुकानदार 55 वर्षीय मुन्ना कुमार है जिसकी स्थिति ठीक है. दोनों दुकानदार के शरीर में आग लगने के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और रेलवे द्वारा लाए गए जेसीबी पर पथराव कर दिया. साथ ही पुलिस कर्मियों के ऊपर पथराव करते हुए खदेड़ दिया. इसका वीडियो सामने आया है जिसमें यह भी देखा जा रहा है कि आग लगे हुए दोनों दुकानदारों को बचाने का प्रयास स्थानीय लोग और पुलिस भी कर रही है. कंबल से आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है.
मामला कोर्ट में चल रहा फिर भी हुई कार्रवाई
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि रेलवे ने पहले भी नोटिस भेजा है जिसका जवाब हम लोगों ने लिखित रूप में दिया था. हम लोगों का मामला पटना हाई कोर्ट में है और आगामी 24 फरवरी 2023 को इस मामले की सुनवाई होनी है, लेकिन हाई कोर्ट के फैसला आने के पहले ही गुरुवार को रेल प्रशासन की टीम पहुंच गई और जबरन दुकान खाली करने लगी. रेल प्रशासन का बर्बरता पूर्ण रवैया देखकर सभी आक्रोशित हुए हैं. दुकानदारों ने कहा कि कई वर्षों से ये दुकान हमारी है. रेलवे द्वारा हम लोगों की दुकानों को अवैध कहे जाने के बाद मामले को लेकर कोर्ट तक पहुंचे थे.
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