पटना: सक्षमता परीक्षा (Sakshamta Pariksha) के विरोध में मंगलवार (13 फरवरी) को नियोजित शिक्षक पटना में सड़क पर उतरे. विरोध प्रदर्शन किया. गर्दनीबाग में करीब 20 हजार के आसपास नियोजित शिक्षक धरना प्रदर्शन में पहुंचे हैं. इस बीच बिहार के शिक्षा मंत्री ने नियोजित शिक्षकों के लिए राहत वाली खबर दी है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिस चीज का निर्णय नहीं हुआ है उस मामले पर अभी विरोध-प्रदर्शन करने का क्या तुक है? सरकार अंतिम निर्णय बाद में लेगी.
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा था कि बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा, लेकिन शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं कि उनकी नौकरी चली जाएगी. ऐसा निर्णय सरकार के स्तर पर नहीं हुआ है. समिति ने भी अनुशंसा की है सरकार पूरे मामले को देखेगी, शिक्षकों के हित को भी देखेगी और शिक्षकों की बात को भी सुनेगी. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने से कुछ होने वाला नहीं है. निश्चित तौर पर सरकार उनकी बात को जरूर सुनेगी. आंदोलन करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होने वाला है.
दरअसल, नियोजित शिक्षकों की मांग है कि राज्यकर्मी बनने के उपरांत सभी नियोजित शिक्षकों की समानुपातिक वेतन वृद्धि होनी चाहिए. नियोजित शिक्षकों के अनुसार सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं. अधिसंख्य नियोजित शिक्षकों के पास कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं है. ऐसे में इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन करना भी है तो ऑफलाइन हो.
बिहार में करीब 4 लाख के करीब नियोजित शिक्षक
नियोजित शिक्षकों के अनुसार वे पूर्व से ही शिक्षक पात्रता/दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण हैं. ऐसे में सक्षमता परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है. सरकार इस परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की छंटनी करना चाहती है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके बावजूद शिक्षकों ने प्रदर्शन किया है. बता दें कि बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब 4 लाख है.
यह भी पढ़ें- 10 करोड़ नहीं तो मंत्री पद... JDU विधायकों को खरीदने के लिए दिया गया प्लान OUT! तेजस्वी के करीबी पर केस