Prashant Kishor: पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को पुलिस सोमवार (06 जनवरी, 2025) की सुबह हिरासत में लेकर इलाज कराने के लिए पटना एम्स ले गई. एम्स से बाहर निकलने के दौरान काफी संख्या में पीके के समर्थक जुट गए. गांधी मैदान में जो समर्थक उनके साथ बैठे थे वे सभी अस्पताल तक पहुंच गए. यहां से जब पीके को लेकर पुलिस निकली तो अस्पताल के बाहर काफी ज्यादा संख्या में लोग जुट गए थे. समर्थक एंबुलेंस के आगे लेट गए जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. पीके के समर्थकों की ओर से कहा गया कि पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया है.
नीतीश सरकार पर साधा निशाना
जन सुराज के एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा गया, "नीतीश कुमार की कायरता देखिए, उनकी पुलिस ने पिछले 5 दिनों से ध्वस्त शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा के खिलाफ आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को रात 4 बजे जबरन हिरासत में लिया. साथ में बैठे हजारों युवाओं को अज्ञात जगह पर ले गई."
पुलिस पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज करने का आरोप
जन सुराज के एक्स अकाउंट एक और पोस्ट में लिखा गया, "पुलिस प्रशासन ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से एम्स ले जाकर अनशन तुड़वाने का प्रयास किया. अनशन तुड़वाने में विफल होने पर प्रशासन, प्रशांत किशोर को नए जगह पर ले जाने की कोशिश कर रही है. एम्स के बाहर प्रशांत किशोर को देखने उमड़ी भीड़ पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया."
बता दें कि बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना में दो जगहों पर (गर्दनीबाग और गांधी मैदान में) आंदोलन चल रहा है. गर्दनीबाग में भी अभ्यर्थी आंदोलन पर बैठे हैं. वहीं छात्रों के समर्थन में ही प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे थे. प्रशासन की तरफ से साफ तौर पर कहा गया था कि गर्दनीबाग के आंदोलन से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन गांधी मैदान से प्रशांत किशोर को हटाना पड़ेगा, जिसको लेकर उन्हें नोटिस भी दिया गया था. इसके बावजूद प्रशांत किशोर वहां से नहीं हटे तो सोमवार की अल सुबह पुलिस उन्हें जबरदस्ती उठाकर ले गई.
यह भी पढ़ें: गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने जबदस्ती उठाया, थप्पड़ मारने का भी आरोप