पटनाः राजधानी पटना में पुलिस ने पीएफआई (PFI) के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. गुरुवार को पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों (SSP Manavjit Singh Dhillon) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. इस बीच उन्होंने पीएफआई की ट्रेनिंग की तुलना आरएसएस (RSS) से कर दी जिसको लेकर बवाल मच गया. इस मामले में अब शुक्रवार को एसएसपी की पहली प्रतिक्रिया आई है. शुक्रवार को एबीपी न्यूज ने उनसे बातचीत की है.


इस मामले में पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है. एसएसपी ने कहा कि जिन लोगों को पटना के फुलवारी शरीफ के नया टोला से पकड़ा गया है उन लोगों ने पुलिस से पूछताछ में बताया है कि जिस तरह आरएसएस की शाखा में ट्रेनिंग दी जाती है उस तरह ये लोग भी ट्रेनिंग देते हैं. पुलिस की जांच में जो सामने आया यही बात वह पीसी में कल बता रहे थे. जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है पूछताछ में उन लोगों ने यह बात कही है. आरएसएस पर मैंने कोई गलत टिप्पणी नहीं की. बेवजह विवाद न खड़ा किया जाए.


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क्या था पटना के एसएसपी का बयान?


गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा की तरह युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता था. उन्होंने कहा, "मदरसे से यह लोगों को मोबिलाइज करते थे और कट्टरता की ओर मोड़ रहे थे. इसका मोड वैसे ही था जैसे शाखा की होती है. आरएसएस की शाखा ऑर्गेनाइज की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने प्रोपेगेंडा के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे."


बयान के आने के बाद मच गया था बवाल


बता दें कि एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के बयान के बाद बीजेपी एकजुट हो गई थी. सुशील कुमार मोदी, मंत्री सम्राट चौधरी समेत कई बड़े नेताओं ने कहा था कि एसएसपी को माफी मांगनी चाहिए. वहीं कुछ नेता सस्पेंड करने की मांग करने लगे थे. अब एसएसपी ने इस पूरे मामले पर अपना बयान दिया है कि उनके दिए गए बयान का आखिर क्या मतलब था और उन्होंने क्यों कहा था.


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