नालंदा: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल मामले (Phulwari Sharif Terror Module) में गुरुवार को पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, छपरा, दरभंगा, मधुबनी समेत बिहार के कई जिलों में अलग-अलग ठिकानों पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान एक साथ करीब 30 जगहों पर छापेमारी से हड़कंप मच गया. एनआईए की टीम ने नालंदा में शमीम अख्तर के घर पर छापेमारी की लेकिन वह नहीं मिला. उसके भाई से पूछताछ की गई. अब खुद कैमरे के सामने पहली बार शमीम अख्तर आया है. वह एनआईए को चकमा देकर फरार चल रहा है.
दरअसल, फुलवारी शरीफ टेरर मामले में भंडाफोड़ के बाद कई लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआईआर में तीसरे नंबर का जो व्यक्ति था वो शमीम अख्तर ही है. शमीम अख्तर नालंदा मुख्यालय के बिहार शरीफ स्थित सोहसराय थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वर्तमान में एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर है. आज शमीम अख्तर के घर पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की थी. उस समय शमीम अख्तर घर पर मौजूद नहीं था.
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अचानक मोहल्ले को लोगों ने शमीम को देखा
बताया जाता है कि एनआईए की टीम जब छापेमारी कर चली गई तो अचानक मोहल्ले के लोगों ने शमीम अख्तर को देखा. शमीम अख्तर बड़े आराम से अपने घर गया. ऐसा लगा कि उसे पल पल की खबर की जानकारी थी. उसने नजर रखी थी. इधर एनआईए की टीम गई और वो घर पहुंच गया. घर जाने के बाद सूचना मिलने पर मीडिया पहुंची. इसके बाद शमीम ने अपना पक्ष रखा. शमीम ने कहा कि एनआईए की टीम कुछ दस्तावेज, पंपलेट समेत अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गई है. हमारे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है.
शमीम ने कहा कि घर पर करीब तीन घंटे तक छापेमारी की गई है. मेरे भाई को एनआईए पूछताछ के लिए पकड़कर नहीं ले गई थी बल्कि एक रिपोर्ट देने के लिए थाने लेकर गई थी. वहां दो गवाह के साथ साइन कराया गया और फिर छोड़ दिया गया.
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