Land Survey: बिहार में पिछले 20 अगस्त से भूमि सर्वे का काम चल रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दावा है कि बहुत जल्द पूरे बिहार में पारदर्शीता के साथ भूमि सर्वे का काम कर लिया जाएगा. इसके बाद जमीन को लेकर आए दिन जो विवाद हो रहा है वो खत्म हो जाएंगे, लेकिन 2 दिन पहले अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और भूमि सर्वेक्षण सचिव जय सिंह ने सभी जिला बंदोबस्त अधिकार, पदाधिकारी के साथ बैठक करके भूमि सर्वे के काम की समीक्षा की थी जिसमें पाया गया था कि रोहतास को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सर्वे का काम धीमी गति से चल रहा है. वजह क्या है? और सर्वे का काम में तेजी क्यों नहीं आ रही है? 


इस पर एबीपी न्यूज़ ने ग्राउंड रिपोर्ट से पड़ताल किया तो पाया गया कि कहीं ना कहीं प्रखंड लेवल तक के कर्मचारियों और पदाधिकारी की काफी लापरवाही देखी जा रही है.


ग्राम सभा को लेकर सरकार पर बड़ा दावा


बिहार में अभी ग्रामीण क्षेत्रों में 43,000 के करीब मौजा पर भूमि सर्वे का काम किया जा रहा है. इसकी शुरुआत पहले ग्राम सभा करके करनी है जिसमें इस ग्राम सभा में अमीन और कानूनगो के साथ पंचायत प्रतिनिधि को रहना है. दावा किया गया है कि 35,000 के करीब मौजा में ग्राम सभा कर दिया गया है. बता दें कि ग्राम सभा के तहत ग्रामीणों को यह बताना है कि जमीन सर्वे कैसे होंगे, उनके लिए क्या-क्या कागजात रखने हैं अगर जो कागजात नहीं है उसके विकल्प में क्या रखना है. उन्हें वह सभी बातें ग्राम सभा में ग्रामीणों को बतानी है, लेकिन बड़ी बात यह है कि अभी तक अधिकांश लोगों को सर्वे के बारे में पूरी जानकारी नहीं है.


ग्रामीणों को है कन्फ्यूजन 


एबीपी न्यूज़ की टीम राजधानी पटना के फतुहा प्रखंड क्षेत्र में दौरा कर कई जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से बात की जिसमें पाया गया कि सर्वे को लेकर कई ऐसे मुख्य बिंदु हैं जिस पर ग्रामीणों के बीच संशय की स्थिति और डर की स्थिति उत्पन्न हो गई है. अलावलपुर गांव के एक प्रतिनिधि वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम लोग के इलाके में सबसे ज्यादा वंशावली को लेकर होड़ मची है. कई लोग कह रहे हैं कि वंशावली खुद कागज पर बना कर उसको पंचायत सचिव या सरपंच से साइन करवा कर देने हैं. जबकि कई लोग उसे बनाने के लिए टेढ़ी प्रक्रिया में जा रहे हैं और वह समय पर बना नहीं पा रहा है इस कारण सर्वे करने में परेशानी हो रही है.



मुखिया ने बताया पूरा हाल


मोमिनपुर पंचायत के एक मुखिया रणधीर कुमार ने बताया कि सरकार का काम तो बहुत अच्छा है, लेकिन जिस तरह से अमीन, कानूनगो, बंदोबस्त पदाधिकारी काम कर रहे हैं उससे कहीं ना कहीं राज्य सरकार का भूमि सर्वे को लेकर जो सपना है वह फेल हो सकता है. पदाधिकारी मनमाने ढंग से कम कर रहे हैं. अमीन को यह काम देखना है, लेकिन प्रखंड कार्यालय के अमीन साहब, कर्मचारी, बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो का सभी का मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया गया है, लेकिन किसी का मोबाइल पर लगाइए तो वह नहीं लगेगा. कोई सूचना देने वाले नहीं हैं. 


आगे उन्होंने बताया कि ब्लॉक में शिविर के नाम पर एक कर्मी तो बैठे रहते हैं, लेकिन उनको भी कोई जानकारी नहीं है वह सिर्फ कागजात को ले लेते हैं कहा जाता है कि अमीन इसको देखेंगे. एक अमीन को हमेशा कार्यालय में बैठना चाहिए, लेकिन वे कार्यालय में नहीं बैठते हैं. फतुहा प्रखंड के 15 पंचायत में 17 अमीन अभी सर्वे के लिए पदस्थापित हैं. अमीन को गांव-गांव जाकर विजिट करने की जरूरत है जिससे लोगों को जानकारी मिल सके कि क्या करें और क्या-क्या डॉक्यूमेंट देने हैं. लोगों की समस्या का हाल कैसे होगी?


मुखिया ने बताया कि अगर अभी से भी पदाधिकारी लोग जागरूक होकर काम करें तो सर्वे का काम बिल्कुल सही ढंग से हो सकता है. जो वंशावली को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है उसको प्रचार प्रसार करके लोगों को बताने की जरूरत है कि किस तरह खुद बनाकर वंशावली दिया जा सकता है इसके लिए अमीन, कानूनगो को गांव-गांव में जाकर लोगों से मिलने की जरूरत है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है सिर्फ कागजों पर काम किया जा रहा है.


सरकार की मंशा पूरी होने पर संशय!


अधिकांश लोगों का कहना था कि अभी जो सर्वे का काम चल रहा है वह कहीं ना कहीं लोगों में समस्या की स्थिति उत्पन्न हो गई है और अभी तक लोग यह समझ नहीं पा रहे है कि कौन सा दस्तावेज देना है और वह दस्तावेज नहीं है तो उसका विकल्प के रूप में क्या होगा?ना ही इसको बताने के लिए कोई पदाधिकारी या कोई कर्मी उपलब्ध नहीं रहते हैं. कुछ लोगों ने कहा कि पहले भी यह सर्वे का काम किया गया था, लेकिन फ्लॉप हो गया था अभी जो स्थिति है और पदाधिकारी जिस तरह से काम कर रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि इस बार भी फ्लॉप हो जाएगा क्योंकि जो सरकार की मंशा है कि जमीन सर्वे होने से पारदर्शिता रहेगी और भूमि विवाद में कमी आएगी लेकन जिस तरह से काम हो रहा है उससे विवाद घटने के बजाये बढ़ने की आशंका है.


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