Paternity Leave: हमारे देश में अक्सर देखा जाता था कि नवजात बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी बच्चे की मां या घर की बाकी महिलाओं को दी जाती हैं और बच्चे के पिता की दिनचर्या और कामकाज पहले की तरह ही चलता रहता है. लेकिन अब वक्त बदल रहा है. अब पिता भी बच्चों की परवरिश में बराबर की भूमिका निभाने लगे है. इसके लिए उन्हें ऑफिस में पैटर्निटी लीव भी दी जाने लगी है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये पैटर्निटी लीव क्या है.तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ये क्या होती है और किन राज्यों में पुरुषों को पैटर्निटी लीव मिल सकती हैं.
जानिए किसे मिलती है पैटर्निटी लीव
पैटर्निटी लीव कर्मचारियों को पिता बनने पर दी जाती है. इस लीव में वो कर्मचारी अपनी पत्नी और बच्चें देखभाल करता है. बता दें कि ज्यादातर राज्यों में कर्मचारी ये लीव बच्चे के जन्म के 15 दिन पहले से लेकर जन्म के 6 महीने के अंदर कभी भी ले सकता है. लेकिन मेघालय में कर्मचारी ये लीव बच्चे के जन्म के 7 दिन पहले से जन्म के 6 महीने के अंदर ले सकते हैं.
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ये है पैटर्निटी लीव के नियम
जो कर्मचारी केंद्र सरकार में काम करते है वो 15 दिनों की पैटर्निटी लीव ले सकते हैं. वहीं प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है. इसके साथ ही मीशो, फ्लिपकार्ट, रेजरपे और ओकेक्रेडिट जैसी कुछ कंपनियां पैटर्निटी लीव देती है. वहीं राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली पैटर्निटी लीव की बात करें तो दिल्ली, गुजरात, मेघालय, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में छुट्टी मिलती है.