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सुपौल: कोरोना संक्रमितों की जांच करने पहुंची टीम पर लोगों ने किया पथराव, खानापूर्ति का लगाया आरोप
हृदयनगर के वार्ड नंबर दो में जांच करने के लिए गई थी बसंतपुर पीएचसी की मेडिकल टीम.मरीज के परिजन का कहना था कि उन्हें दवाई, मास्क और सैनिटाइजर तक नहीं दिया जाता.
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सुपौलः बसंतपुर प्रखंड के हृदयनगर में कोविड संक्रमित मरीज की जांच करने के लिए पहुंची मेडिकल टीम पर मरीज के परिजनों ने पथराव कर दिया. घटना गुरुवार शाम की है. बसंतपुर पीएचसी की मेडिकल टीम हृदयनगर वार्ड नंबर दो में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की जांच करने के लिए पहुंची थी इसी दौरान यह हंगामा किया गया.
घटना के संबंद में बताया जाता है कि मेडिकल टीम के एक सदस्य ने संक्रमित मरीज की ऑक्सीमीटर से पल्स जांच व थर्मल स्क्रीनिंग की. इसी दौरान मरीज और उनके परिजन मास्क, सैनिटाइजर और दवाई की मांग करने लगे. साथ ही टीम पर जांच के नाम पर खानापूर्ति करने का आरोप लगाने लगे. कहने लगे कि सरकार की तरफ से एक संक्रमित मरीज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये आता है, जो आप सब मिलकर खा जाते हैं.
मेडिकल टीम पर हमले की शिकायत
इधर, मेडिकल टीम में शामिल एएनएम आरती कुमारी, अनुराधा कुमारी और बबीता कुमारी ने कहा कि जांच के दौरान मरीज के परिजन बोलते-बोलते अपना आपा खो बैठे और मौके पर मौजूद मेडिकल टीम के साथ गाली-गलौज व मारपीट करने लगे. इस दौरान संक्रमित मरीज और उनके परिजनों ने मेडिकल टीम की गाड़ी पर भी पत्थरबाजी की, जिसके बाद घटना की सूचना अधिकारियों को दी गई.
सूचना मिलते ही बसंतपुर बीडीओ और पुलिस मौके पर पहुंच गई. एएनएम ने कहा कि उन्होंने बसंतपुर चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अर्जुन चौधरी और बीडीओ देवानंद कुमार सिंह से सुरक्षा और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. कहा कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा वे कार्यों का बहिष्कार करेंगी.
कोरोना संक्रमित मरीज ने कहा- आरोप बेबुनियाद
इधर, इस मामले को लेकर जब केरोना संक्रमित मरीज समोल गुप्ता और उसके भाई संतोष गुप्ता ने बताया कि बारिश हो रही थी और मेडिकल टीम के सदस्य सड़क पर बुला रहे थे. वह 12 तारीख से कोरोना संक्रमित है. ये लोग आकर सिर्फ जांच कर चले जाते हैं. न तो कोई दवा, न ही मास्क और ना सैनिटाइजर दिया जाता है. इसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी. पत्थरबाजी की बात गलत है.
बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अर्जुन चौधरी ने बताया कि विषम परिस्थितियों में हमारी मेडिकल टीम काम करती है. इस तरह की घटना से उनका मनोबल कमजोर होता है. इस मामले की जांच की जा रही है. आवश्यकता होने पर दोषी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
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