गया: बिहार के गया जिले के नैली पंचायत के पहाड़पुर गांव में लोग पूरे साल पानी खरीदकर पीते हैं. एक हजार की आबादी वाले इस गांव में पिछले कई वर्षों से सरकार की ओर से पीने का पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ना ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की समस्या सुनी है.


पहाड़ी इलाका होने की वजह से है दिक्कत


ग्रामीणों की मानें तो पहाड़ी इलाका होने की वजह से पानी की उपलब्धता ना के बराबर है. जबकि सड़क की दूसरी छोर के गांव में पानी पर्याप्त मात्रा में है. ऐसे में लोग सड़क के उस पार से खेतों में पटवन के लिए लगाए गए पंप से पीने का पानी के लिए पाइप लाइन से कनेक्शन ले जाते हैं.


पहाड़पुर गांव में हर तरफ पाइप बिछी हुई है, लेकिन ये सरकारी योजना की पाइप नहीं है. 100 घरों के इस गांव में 5-5 घरों के लोग खुद के पैसे मिलाकर पाइप खरीदते हैं और सड़क के उस पार खेतों में लगे मोटर पम्प से पानी का कनेक्शन लेते हैं, ताकि पीने का पानी उपलब्ध हो सके. इसके एवज में प्रति घर 12 हजार रुपये सालाना राशि भी तय है. लोग एक हजार रुपये प्रति महीने पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं.


पल्ला झाड़ लेते हैं अधिकारी और जनप्रतिनिधि


लोगों ने बताया कि पीएचईडी विभाग, नगर विधायक, पंचायत के मुखिया समेत सभी जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर गुहार लगाई जा चुकी है. लेकिन सभी ये काम अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का बता कर पल्ला झाड़ लेते हैं.


इस संबंध में नगर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी बलवंत कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार की नल जल योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसे पूरा किया जा चुका है. लेकिन पंचायत के कुछ वार्डों में नलजल योजना पूरा कराने का जिम्मा पीएचईडी विभाग को दिया गया. पहाड़पुर गांव में भी योजना को पूरा करने का जिम्मा पीएचईडी को दिया गया है.


उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास कोई लिखित शिकायत करता है तो इसके लिए संबंधित विभाग को सूचित किया जाएगा. वहीं, अगर पानी बेची जा रही है तो, वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.


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