पटना: देशभर में राम मंदिर निर्माण को लेकर चंदा जुटाने का काम जारी है. वहीं रामभक्त देशवासी अपनी इच्छा अनुसार दान कर रहे हैं. इस अभियान के तहत बिहार में भी 16 जनवरी से चंदा इकट्ठा करने का काम चल रहा है. महज़ तीन दिनों के अंदर हालात ये है कि बिहार में चंदा काटने के लिए रसीदें कम पड़ने लगी हैं. हालांकि, इस संबंध में चंदा समिति ने जो बातें कही हैं, वह महत्वपूर्ण है.


नए रसीद भेजने की मांग की


चंदा के लिए बनी प्रचार समिति के प्रमुख्य राजेश पांडे ने एबीपी को बताया कि रसीद की मांग पहले दिन की तुलना में प्रति दिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले जितनी रसीदें थी, वो लोगों को लेकर जनता के बीच भेज दिया गया है. लेकिन चंदा देने वाले भक्तों की तादाद में काफी इजाफा हो रहा है. यह स्वाभाविक भी है. ऐसे में हम लोगों ने और रसीद की मांग की है.


बिहार में 25 करोड़ का चंदा


बता दें कि एक जानकारी के मुताबिक अब तक देशभर में इस अभियान के लिए 243 और बिहार में अलग से 25 करोड़ रुपए का चंदा इकट्ठा हो चुका है. लेकिन प्रचार समिति के प्रमुख्य राजेश पांडे ने ऐसी किसी जानकारी की आधिकारिक रूप से पुष्टि करने से मना किया है. उनका कहना है कि चंदे की राशि सार्वजनिक नहीं की जा सकती है.


हर सदस्य के पास हैं हजार कूपन


गौरतलब है कि मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने के काम में लगी समिति बिहार में अपने लोगों को रसीद के साथ घर-घर भेज कर चंदा इकट्ठा कर रही है. इसके लिए समिति दस, बीस, पचास, सौ, पांच सौ और हज़ार रुपए तक के कूपन का इस्तेमाल कर रही है. चंदा देने के लिए लोग इन कूपन को ले लेते हैं. एक जिले में 30 से 35 लोगों का समहू काम कर रहे हैं, जिनके पास तकरीबन एक हज़ार कूपन मौजूद हैं.


राष्ट्रपति ने दिया पहला चंदा


इसके अतिरिक्त इन समहों के पास एक हज़ार के ऊपर का चंदा देने वाले श्रद्धालुओं के लिए रसीद भी साथ होता है. जो व्यक्ति एक हज़ार से ऊपर का चंदा देना चाहते हैं वो रसीद के जरिए दान दे सकते हैं. मालूम हो कि राम मंदिर निर्माण के लिए पहला चंदा देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया था. उन्होंने 5 लाख रुपए का चेक मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में दिया था.


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