जहानाबाद: जेडीयू के राज्यसभा सांसद और जाने माने उद्योगपति किंग महेंद्र (King Mahendra) की श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी. प्रदेश के जहानाबाद जिले के गोविंदपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. सभी ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद कर नमन किया. श्रद्धांजलि देने वालों में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के गणमान्य लोग, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ दवा कंपनी के लोग बड़ी संख्या में शामिल थे.
देश के सबसे अमीर सांसदों में शुमार थे किंग महेंद्र
देश के सबसे अमीर व पुराने राज्यसभा सांसदों की लिस्ट में शुमार महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र देश की प्रतिष्ठित दवा कंपनी अरिस्टो फार्मास्यूटिकल के चेयरमैन थे. उनकी कंपनी देश की श्रेष्ठ दस दवा कंपनियों में शुमार है. कंपनी के पास तकरीबन पचास हजार करोड़ रुपए का एसेट है. उनकी निजी संपत्ति भी करीब 4000 करोड़ रुपए की है. अरिस्टो फार्मा के मालिक किंग महेंद्र 1984 में हुए लोकसभा का चुनाव हार गए थे, लेकिन राजीव गांधी के करीबी होने के नाते वह कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा पहुंच गए. उसके बाद से वह लगातार राज्यसभा के सदस्य रहे. यह उनका सातवां टर्म था. उन्हें कभी लालू प्रसाद ने तो कभी नीतीश कुमार ने राज्यसभा भेजा. वे अंतिम सांस लेने तक राज्यसभा सांसद रहे.
कई नामचीन दवा कंपनियों के मालिक थे किंग
किंग महेंद्र के अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स का कॉरपोरेट मुख्यालय मुंबई में है. इसके अलावा वियतनाम, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश में शाखाओं तो हैं ही, यूरेशिया और अफ्रीका के अन्य देशों में भी कंपनी के दफ्तर हैं. उनकी अन्य कंपनियों में माप्रा लेबोरेटरीज और इंडेमी हेल्थ स्पेशलिटीज शामिल हैं और दोनों के मुख्यालय मुंबई में हैं. इसके अलावा हैदराबाद से दमन और सिक्किम तक भारत भर में उनकी कई फैक्ट्रियां चल रही है. वह मुंबई, दिल्ली ,भारत और विदेश के बीच अपना समय अक्सर प्रवास करते थे.
एक साल में की थी 84 देशों की यात्रा
किंग महेंद्र अपनी विदेश यात्राओं को लेकर भी सुर्खियों में रहें हैं. अप्रैल 2002 और अप्रैल 2003 के बीच महेंद्र प्रसाद ने 84 देशों की यात्रा की. उनके छोटे भाई उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू के अनुसार अगस्त 2002 में उन्हें एक यात्री पनडुब्बी कंपनी अटलांटिस सबमरीन द्वारा सम्मानित किया गया था, जब उन्होंने वेस्टइंडीज के कैरेबियन सागर में 173 फिट का गोता लगाया था.
शिक्षा और रोजगार को लेकर याद किए जाएंगे किंग
उनके बचपन के मित्र राजाराम शर्मा कहते हैं कि लोगों की मांग पर किंग ने गरीब और वंचितों के बीच उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ओकरी, जहानाबाद में एक कॉलेज शुरू किया. इससे उन लड़कियों को भी मदद मिली जिन्हें उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती थी. उनके परोपकारी कार्यों ने उन्हें युवाओं के बीच एक उदाहरण के रूप में स्थापित किया. आज इलाके के हजारों युवा महेंद्र प्रसाद की कम्पनी में काम कर सम्मान की जिंदगी जी रहे हैं. महेंद्र जाना एक सूर्य का अस्त होने के सामान है.
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