बिहारः मंत्री-विधायक से लोग नाराज, कहा- फोन बजता है लेकिन ये लोग उठाते नहीं
लोगों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री आरके सिंह कुछ दिनों पहले आरा सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आए थे, लेकिन खानापूर्ति की गई. छोटी सी छोटी रकम वाली दवाई भी यहां अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा स्थानीय विधायक सह कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप भी इस महामारी में नहीं दिखे कभी.
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आराः कोरोना में इन दिनों लोगों की सबसे ज्यादा किसी से उम्मीद हो तो वह सरकार से है. ऐसे में अगर वही मुंह फेर ले तो लोगों का नाराज होना लाजमी है. ऐसे में भोजपुर जिले के लोग भी इन दिनों खास परेशान हैं. यहां के लोगों का कहना है कि भोजपुर जिले से दो-दो मंत्री हैं इसके बावजूद कोरोना महामारी में कोई मदद नहीं मिल रही.
दरअसल, यहां के केंद्रीय मंत्री आरके सिंह सांसद हैं तो राज्य कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह विधायक हैं. इसके बाद भी यहां की जनता दोनों ही मंत्रियों से नाखुश है. एक व्यक्ति ने एबीपी से बात करते हुए कहा कि आरा के विधायक को कॉल लगाया तो रिंग हुआ लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. शहर के जाने माने रंगमंच कर्मी अशोक मानव ने कहा कि हमलोगों को दोनों ही मंत्रियों से कोई उम्मीद नहीं है.
ऑक्सीजन है अस्पताल में तो स्टाफ नहीं, यह व्यवस्था है
अशोक ने कहा कि हमलोगों ने पिछले साल भी देखा और इस साल भी देख रहे हैं. यहां किसी भी चीज की व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में व्यवस्था नहीं है. कुछ दिनों पहले कोविड वार्ड बनाया गया था लेकिन स्टाफ की कमी है. ऑक्सीजन नहीं है. ऑक्सीजन है तो स्टाफ नहीं है. दोनों ही मंत्रियों से कोई उम्मीद नहीं किया जा सकता है.
शहर के नागरिक अभिषेक द्विवेदी ने बताया कि यहां के केंद्रीय मंत्री आरके सिंह बीते तीन-चार दिन पहले आरा सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आए थे, लेकिन केवल खानापूर्ति की गई. छोटी सी छोटी रकम वाली दवाई भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. जहां तक बात रही स्थानीय विधायक सह कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप की तो वो इस आपदा में कभी नहीं दिखे हैं. उन्हें कुछ दिन पहले बस वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात करते देखा गया है. दोनों ही इस दुख की घड़ी में जनता को छोड़कर भाग गए हैं.
दोनों मंत्री एक दिन भी नहीं देते दिखाई
एक दवा दुकानदार जय नारायण द्विवेदी ने अस्पताल और व्यवस्था को देखते हुए कहा कि हमारे दोनों मंत्री एक दिन भी दिखाई नहीं देते हैं. इस बार कहीं भी सैनिटाइजेशन नहीं की गई. सदर अस्पताल में भी अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. कोई भी दवाई जल्दी नहीं मिल रही है. कोई सुविधा नहीं है. यहां सांसद और विधायक नाम के रह गए हैं.
एक दूसरे व्यक्ति दीनानाथ ने कहा कि यहां के सांसद और विधायक दोनों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है. लोग मर रहे हैं. वहीं, पंकज भट्ट ने बताया कि अभी तो फिलहाल कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है. सांसद ने तो कुछ किया भी है, लेकिन अभी जो हमारे विधायक बने हैं अमरेंद्र प्रताप सिंह उनका कोई अता-पता नहीं है. वहीं, अन्य लोगों ने भी इसी तरह की बात कही.
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