पटनाः राजधानी पटना में बीते गुरुवार को डिजिटल मीडिया के एक पत्रकार वेद प्रकाश को फुलवारीशरीफ से एम्स और नौबतपुर के रास्ते में घेरने की कोशिश की गई थी. अब इस मामले में आरोपी अमृतांशु वत्स ने एबीपी न्यूज के सामने आकर अपना पक्ष भी रखा है. बता दें कि अमृतांशु ही फेसबुक पर लाइव आकर वहां जुड़ने वाले अपने लोगों से वेद प्रकाश को घेरने के लिए कह रहा था. अब इस मामले में अमृतांशु ने सफाई दी है.


बातचीत में कहा कि वह वेद प्रकाश को मारने के लिए नहीं घेर रहे थे, बल्कि उन्हें उनसे बातचीत करनी थी. कहा कि वेद प्रकाश सोशल मीडिया पर अपने चैनल से जातिवाद को लेकर कुछ भी कहते हैं जो सही नहीं है. इसपर वेद से उन्होंने कई बार बात करने की भी कोशिश की थी, लेकिन वेद बात नहीं करना चाहते थे, हमेशा भागते फिरते थे.


फेसबुक लाइव के पीछे बस रोकना था मकसद


अमृतांशु ने कहा कि गुरुवार को उन्हें पता चला कि वेद प्रकाश किस जगह पर हैं. इसके बाद उन्होंने सोचा कि आज मौका है कि वेद को किसी तरह रोककर उनसे बात की जाए. इसलिए उन्होंने फेसबुक लाइव किया था और अपने लोगों से उसे किसी तरह रोकने के लिए कह रहे थे. कहा कि अब यह सब मामला आने के बाद वेद प्रकाश ने अपने चैनल से कई वीडियो को हटा दिया है.


कई बार प्राथमिकी दर्ज कराने की हुई कोशिश


इस मामले में कई बार थाने में भी शिकायत करने की कोशिश की गई लेकिन वेद के घर का पता नहीं था और पुलिस इस कारण आवेदन नहीं ले रही थी. उन्होंने जहानाबाद और पटना के अगमकुआं थाने में कुछ दिनों पहले शिकायत करने की कोशिश की थी लेकिन नहीं हो सका था.


आपत्तिजनक शब्द के लिए स्वीकार की गलती    


पत्रकारिता छुड़ा देने की बात पर अमृतांशु ने कहा कि इसका मतलब था कि वेद प्रकाश को पत्रकारिता करनी है तो वे स्वच्छ पत्रकारिता करें. बाकि पत्रकारिता छोड़ देने से इसका कोई संबंध नहीं है. अमृतांशु ने कहा कि फेसबुक पर उनके मुंह से जो कुछ आपत्तिजनक शब्द निकले थे उसके लिए वह अपनी गलती मानते हैं.


बता दें कि इस मामले में पीड़ित पत्रकार वेद प्रकाश ने शिकायत भी दर्ज कराई है और सुरक्षा की मांग की है. बिहार के डीजीपी को दिए गए आवेदन में वेद प्रकाश ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया है.


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