VIDEO: अब प्लास्टिक से बनेगा पेट्रोल! बिहार के 8वीं के छात्र का कमाल, 1500 में तैयार की मशीन
Petrol From Plastic: विकास कैमूर के नुआव मिडिल स्कूल का छात्र है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में उसके स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों का भी अहम रोल रहा है.
कैमूर: नुआव प्रखंड के रहने वाले आठवीं कक्षा के छात्र विकास ने प्लास्टिक से पेट्रोल निकालकर कमाल कर दिया है. चार महीने से कड़ी मेहनत से वह अपने इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था. कचरे के ढेर से सामान इकट्ठा कर प्लास्टिक से उसने पेट्रोल बनाया. हालांकि इस पेट्रोल को अभी डायरेक्ट कार या बाइक में नहीं डाल सकते हैं क्योंकि उसके पहले फ्यूरीफिकेशन की जरूरत है. अभी यह इंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
विकास ने 1500 की लागत में प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की मशीन तैयार की है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में उसके स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों का भी अहम रोल रहा है. जिले में साइंस विज्ञान मेले में विकास ने पहला स्थान लाकर अपने स्कूल के साथ-साथ परिवार का भी नाम रोशन किया है. यह पहली बार होगा जब कैमूर में किसी ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाया है.
जीनियस बॉय! कैमूर के नुआव प्रखंड के रहने वाले क्लास 8 के विकास ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर कमाल कर दिया. यह जीनियस बॉय 4 महीने से अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था. कचरे के ढेर से सामान इकट्ठा कर प्लास्टिक से पेट्रोल बना दिया है. कैमूर से दिलीप.Edited by @iajeetkumar pic.twitter.com/mvl9GClxfz
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) November 21, 2022
अब राज्य स्तर तक प्रदर्शनी के लिए तैयारी
नुआव मिडिल स्कूल के साइंस के शिक्षक संदीप कुमार बताते हैं कि जब बच्चों ने पूछा कि कोयले से चारकोल और अलकतरा बनाया जा सकता है तो कचरा के प्लास्टिक से कुछ क्यों बन सकता है सर? तो हमने बताया और फिर इस पर काम किया. अभी तक जिले में इस विद्यालय का विज्ञान प्रदर्शनी हुआ था जिसमें प्रथम स्थान मिला. आगे हम लोग राज्य स्तर तक तैयारी कर रहे हैं.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने क्या कहा?
प्रधानाध्यापक सत्येंद्र सिंह ने कहा कि पहले बच्चों ने खाद कंपोस्ट बनाना सीखा था. इसके बाद बच्चों ने जब प्रश्न रखा कि कचरे से भी कुछ बनाया जा सकता है तब हम लोगों ने इस पर काम किया. पांच किलो वाले सिलेंडर में प्लास्टिक को पिघलाकर 100 एमएल पेट्रोल निकाला गया.
विकास ने बताया कि उसने साइंस की पुस्तक में पढ़ा कि कोयले से चारकोल और अलकतरा बनता है तो वहीं से ज्ञान मिला कि पेट्रोलियम पदार्थ कैसे बनता है. पेट्रोलियम पदार्थ बनाने की प्रक्रिया को पढ़कर ज्ञान आया कि डीजल और पेट्रोल के कचरे से प्लास्टिक तैयार होता है तो प्लास्टिक वाले तरल पदार्थ में अगर हम बदलते हैं तो उससे पेट्रोल आ सकता है. यही काम किया. चार महीने में यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ.
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