(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में गया आने से पहले जान लीजिए ये सारी चीजें, 28 सितंबर से शुरू हो रहा मेला, काम की खबर
Gaya Pitru Paksha Mela 2023: पितृपक्ष में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी आते हैं और अपने पितरों का पिंडदान एवं कर्मकांडो को पूरा करते हैं. जानिए क्या है तैयारी.
गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. 14 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान देश–विदेश से लाखों की संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां पहुंचते हैं. यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान, तर्पण और विभिन्न कर्मकांडों को पूरा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि पितरों को जल और तिल से पितृपक्ष में तर्पण किया जाता है. इस बार जानिए क्या तैयारी है.
पिंडदान करने के शहर में 54 स्थान हैं. तीर्थयात्री अलग-अलग तिथि को वहां पिंडदान करते हैं. प्रेतशिला, रामशिला, देव घाट, अक्षयवट, गोदावरी, पितामहेश्वर, विष्णुपद, सीता कुंड सहित 54 वेदियों पर विशेष रूप से तीर्थयात्री पिंडदान व तर्पण करने आते हैं. पितृपक्ष में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी आते हैं और अपने पितरों का पिंडदान एवं कर्मकांडो को पूरा करते हैं.
टेंट सिटी में रह सकेंगे 2500 तीर्थयात्री
सीताकुंड में प्याऊ बना है. देव घाट पर तीन अलग-अलग प्याऊ है तो वहीं विष्णुपद मंदिर गेट के बाहर गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी. इसके साथ-साथ गांधी मैदान में आवासन के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के द्वारा टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है. पाइपलाइन के जरिए तीर्थयात्रियों को गंगाजल उपलब्ध हो सकेगा. टेंट सिटी में आवासन की क्षमता 2500 है. इसके अलावा बोधगया के निग्मा मोनेस्ट्री में 2400, सामुदायिक भवन और अन्य आवासन के लिए 41 आवासन स्थल में 10050 आवासन क्षमता की व्यवस्था है.
मेले के दौरान छह हजार पुलिस जवान ठहरेंगे. इसके लिए 23 स्थल को चिह्नित किया गया है. इसके अलावा 63 की संख्या में होटल और रेस्टहाउस चिह्नित किए गए हैं जहां 3452 यात्री रह सकेंगे. वहीं 368 पंडा के निजी भवन और धर्मशाला को भी चिह्नित किया गया है. यहां 36544 यात्री आवासन कर सकेंगे. इस तरह कुल 497 स्थानों को चिह्नित कर उसमें 60946 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है.
सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम?
पेयजल की व्यवस्था, शौचालय, बिजली, साफ–सफाई, चिकित्सा सुविधा सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके लिए अलग-अलग कोषांग का गठन किया गया है जिसकी मॉनीटरिंग अधिकारी और खुद डीएम करेंगे. तीर्थयात्रियों की भीड़ होगी ऐसे में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन बनाया गया है. तीर्थयात्री ई रिक्शा से मंदिर तक जा सकेंगे.
यह भी पढ़ें- Bihar: 'जिनको पोटेशियम साइनाइड दिखता है वो...', चंद्रशेखर के बयान पर सामने आई CM नीतीश की पार्टी की प्रतिक्रिया