पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने बुधवार को बतौर केंद्रीय मंत्री शपत ग्रहण की. लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार केंद्रीय मंत्रिमंडल जगह बनाने को लेकर चल रही जद्दोजहद के बाद आखिरकार जेडीयू ने मंत्रिमंडल में जगह बनाई है. साल 2004 के बाद जेडीयू के किसी भी नेता को केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी. आखिरी बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही केंद्रीय मंत्री बने थे. उनके बाद अब आरसीपी सिंह को मंत्री बनाया गया है. 


मालूम हो कि आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता मानें जाते हैं. मुख्यमंत्री के गृह जिला से आने वाले 62 साल के आरसीपी सिंह साल 1998 से उनके साथ हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के यूपी कैडर के अधिकारी रहे आरसीपी सिंह साल 1996 में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव थे. उसी वक्त नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने. तभी वे आरसीपी सिंह के भी संपर्क में आए. 


लंबे समय तक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे


ऐसे में जब साल 1998 में नीतीश कुमार ने रेल मंत्रालय का जिम्मा संभाला तो उन्होंने आरसीपी सिंह को अपना विशेष सचिव बनाया. उसके बाद लगातार वे नीतीश कुमार के साथ रहे. लंबे समय तक वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के रूप में भी काम करते रहे. हालांकि, साल 2010 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वोलंटरी रिटायरमेंट ले ली थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेज दिया था. 


जेएनयू से आरसीपी ने की है पढ़ाई


जेडीयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष आरसीपी सिंह का पूरा नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह है. मौजूदा समय में वो जेडीयू कोटा से राज्यसभा सांसद हैं. उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा जेएनयू से ग्रहण की है. उनका जन्‍म बिहार के नालंदा जिले के मुस्‍तफापुर में 6 जुलाई 1958 में हुआ है. ग्रेजुएशन की डिग्री उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से प्राप्‍त की. हाईस्‍कूल की पढ़ाई नालंदा जिले के हुसैनपुर से की है. उनकी शादी गिरिजा देवी से 1982 में हुई है. उन्‍होंने यूपीएससी की प्रतियोगिता परीक्षा में 1984 में सफलता हासिल की. उनकी दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी लिपि सिंह 2016 बैच की आइपीएस हैं.