पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार को बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए पटना आए हुए हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पटना में शताब्दी स्मृति स्तंभ का उद्घाटन किया. साथ ही बिहार विधान सभा संग्रहालय भवन और अतिथिशाला का शिलान्यास किया. वहीं, अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान बिहार ने दिखाया कि लोकतंत्र को दबाया नहीं जा सकता है. इस दौरान उनके साथ बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar)भी मौजूद थे. यहां हम आपको बता रहे पीएम मोदी के स्पीच की 5 बड़ी बातें...



  1. बिहार का ये स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे वो प्यार कई गुना करके लौटाता है. आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है. मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूं.

  2. शताब्दी स्मृति स्तंभ बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक तो बनेगा ही साथ ही ये बिहार की कोटि-कोटि आकांक्षाओं को भी प्रेरणा देगा.

  3. बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं. आज़ादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी.

  4. आजादी के बाद इसी विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास हुआ. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, नीतीश जी की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया. इस अधिनियम के जरिए बिहार पहला ऐसा राज्य बना जिसने पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया.

  5. बिहार ने आजाद भारत को डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया. लोकनायक जयप्रकाश, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगजीवन राम जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए. जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ, तो भी उसके खिलाफ बिहार ने सबसे आगे आकर विरोध का बिगुल फूंका.


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