पटना: साल 2021 में प्रस्तावित जनगणना को जाति के आधार पर कराने की मांग बड़ी मजबूती से उठाई जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बाबत बात करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर समय मांगा है. मुख्यमंत्री ने 3 अगस्त को पीएम को मोदी को पत्र लिखा था, जिसका जवाब मुख्यमंत्री को 13 अगस्त को प्राप्त हुआ है. जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र मिलने की बात स्वीकार की है. लेकिन जातीय जनगणना पर बात के लिए वो मुलाकात कब करेंगे इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई है. 


प्रधानमंत्री जब समय देंगे तब होगी मुलाकात


सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम खत्म होने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, " पत्र का जवाब 13 तारीख को मिला. उन्होंने कहा कि पत्र मिल गया है. तो जब पत्र मिल गया है तो प्रधानमंत्री जब उचित समझेंगे तब समय देंगे. जब समय देंगे तब जाएंगे. अभी फिलहाल हम लोग इंतजार करेंगे. तब तक इसपर कुछ भी बोलना ठीक नहीं है."


बिना बातचीत के निर्णय लेना सही नहीं


उन्होंने कहा, " अब जब पत्र आ ही गया है तो उम्मीद है कि समय मिलेगा. समय मिलेगा तो बात करेंगे. लेकिन अंतिम फैसला तो केंद्र को ही करना है. प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि हमें खुद जातीय जनगणना कराना चाहिए या नहीं. हम तो चाहेंगे कि केंद्रीय स्तर से ही हो जाए. बिना बातचीत के निर्णय लेना सही नहीं है. एक बार 2011 में हुआ लेकिन गड़बड़ी की वजह से वो प्रकाशित नहीं हो पाया. "


सबके हित में जातिय जनगणना 


मुख्यमंत्री ने कहा, " एक बार जातीय जनगणना हो जाए तो बहुत अच्छा होगा. इससे किसी का नुकसान नहीं होगा, सबका फायदा होगा. एक बार जानकारी मिल जाए कि किस जाति के कितने लोग हैं, तो उनके संरक्षण और उत्थान के लिए और बेहतर तरीके से काम होगा. एक बार आंकड़ा आने के बाद सबके विकास के लिए सही तरीके से बातचीत होगी. सबके मन में यही विचार है."


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