पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोसी महासेतु का उद्घाटन कर उसे राष्ट्र को समर्पित किया. इसके अलावा उन्होंने यात्री सुविधा और आधारभूत संरचना से जुड़ी 11 अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया. कोसी महासेतु के उद्घाटन से मिथिलावासियों का 86 वर्ष पुराना सपना साकार हुआ है. अब वे सुगमता से सफर के सकेंगे.


बता दें कि 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी आधारशिला रखी थी, जिसमें कोसी महासेतु को इस्ट-वेस्ट कोरिडोर योजना के तहत सड़क मार्ग से जोड़ना भी शामिल था. लेकिन कुछ सालों बाद केंन्द्र में कांग्रेस की सरकार आ जाने के कारण कोसी महासेतु पर सड़क मार्ग के उद्धाटन का मौका कांग्रेस के बड़े नेताओं को मिला था और उसके बाद रेलवे का काम धीमा पड़ गया था. 2014 में फिर से केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद कोसी रेल महासेतु पर युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया गया था और आज इसका उद्घाटन किया गया.


बता दें कि प्रधानमंत्री ने आज कोशी रेल महासेतु, सहरसा-आसनपुर-कुपहा बड़ी रेल लाइन, सहरसा-सुपौल-राघोपुर आमान परिवर्तन, सहरसा-आसनपुर-कुपहा के बीच नई ट्रेन के परिचालन का उद्घाटन किया. साथ ही साथ सुपौल स्टेशन पर नए प्लेटफार्म, सर्कुलेटिंग एरिया और नव निर्मित फुट ओवरब्रिज का भी उद्घाटन किया. सरायगढ़ स्टेशन पर प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया. इसके अलावे गढ़ बरुआरी स्थित नव निर्मित प्लेटफार्म, सरायगढ़ और राघोपुर में नए स्टेशन भवन और प्लेटफार्म का उद्घाटन किया.


कोसी मेगा ब्रिज के उद्घाटन के संबंध में डीआरएम समस्तीपुर अशोक महेश्वरी ने कहा कि पीएम मोदी आज जिन योजनाओं का उद्घाटन करेंगे उसमें सबसे महत्वपूर्ण कोसी महासेतू की परियोजना है. 86 सालों के बाद रेल परिचालन चालू होगा. आज डेमो ट्रैन चलेगी जो सुपौल से लेकर सरायगढ़ से होते हुए आसनपुर तक जाएगी, और असनपुर से राघोपुर और राघोपुर से वापस सुपौल आएगी. कल से एक और ट्रेन है जो सहरसा से चलेगी, असनपुर, राघोपुर होते हुए आएगी. कल से यह अपने रेगुलर टाइम तक चलेगी.


मालूम हो कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में पिछले कुछ दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार को कई परियोजना का सौगात दिया है, जिसमें मिथिलावासियों के लिए कोसी महासेतु का उद्घाटन और दरभंगा में एम्स निर्माण का खास महत्व है.