पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले में अपहृत एलजेपी नेता और पूर्व मुखिया अनिल उरांव का रविवार को शव मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. शव मिलने की खबर से आक्रोशित लोगों ने शहर के गिरजा चौक, फोर्ड कंपनी चौक, आरएन शाह चौक को जाम कर दिया और आगजनी कर हंगामा करने लगे. देखते ही देखते लोगों का उपद्रव शुरू हो गया. उग्र भीड़ ने आरएन शाह चौक पर तांडव मचा दिया.
पुलिस की गाड़ी में की तोड़फोड़
आक्रोशित भीड़ समाहरणालय में घुस गई. घटना से नाराज महिलाओं ने समाहरणालय परिसर में खड़े पुलिस वाहन के शीशे तोड़ दिया. वहीं, बाहर दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई. आक्रोशित लोगों का आरोप था कि स्थानीय पुलिस की शिथिलता की वजह से अनिल की जान चली गई. मालूम हो कि अनिल उरांव का अपहरण 29 अप्रैल को हुआ था. अपराधियों ने 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. परिजनों ने फिरौती की रकम पहुंचाई भी थी. इसके बावजूद अपहरणकर्ताओं ने उनकी हत्या कर दी.
तीन लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने फिलहाल तीन लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है. आशंका जताई जा रही है कि अपराधियों ने मामले को उलझाने की नियत से फिरौती की रकम मांगी थी. असल मुद्दा जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है, क्योंकि अनिल को गोली मारने से पहले उनकी काफ़ी पिटाई की गई है.
इस पूरे मामले में पूर्णिया एसपी दयाशंकर ने कहा कि मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें एक महिला और 2 पुरुष शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जब से अपहरण का मामला दर्ज हुआ था, तब से 4 टीम इस मामले की जांच में जुट गई थी. पुलिस लीड के तहत काम कर रही थी. रविवार के अहले सुबह शव बरामद की गई. मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. परिजनों को समझा बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
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