देश के लिए खून बहाना था सपना, पैसों की हुई कमी तो बहाने लगा लोगों का खून, पढ़ें- पटना की चौंकाने वाली घटना
एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि आरोपी अभिषेक मृतक का पड़ोसी है. उसके पिता दूध का कारोबार करते हैं. अभिषेक भी खटाल में योगदान देता था और आर्मी में नौकरी के लिए तैयारी करता था.
पटना: बिहार पुलिस ने शुक्रवार को पटना के चौक थाना क्षेत्र में 30 सितंबर को हुए शिशा व्यवसायी हत्याकांड का खुलासा किया. वहीं, वारदात को अंजाम देने वाले पड़ोसी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हालांकि, इस घटना के संबंध में जो बातें सामने आईं, वो चौंकाने वाली हैं. बता दें कि 30 सितंबर, 2021 को चौक थाना क्षेत्र के चमडोरिया इलाके में शीशा व्यवसायी राजकुमार जैसवाल उर्फ राजू जायसवाल को उसके ही शीशा प्लांट में शीशा घोपकर हत्या कर दी गई थी.
दलाल को देने थे पैसे
घटना के बाद व्यवसायियों में काफी गुस्सा था. ऐसे में लगातार जांच के बाद शुक्रवार को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया. पटना के नए एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि हत्या में कोई पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि सेना में नौकरी की ख्वाहिश रखने वाला एक छात्र शामिल था, जो मृतक का पड़ोसी था. नौकरी के लिए उसमें टैलेंट तो था, पर नौकरी और उसके बीच पैसा दीवार बन रहा था.
पुलिस की मानें तो आरोपी अभिषेक को नौकरी के लिए दलाल को 50 हजार रुपये देने थे. वो मामूली दूध व्यवसायी का बेटा था. ऐसे में पैसे चुराने के लिए वो शीशा व्यवसायी राजू जायसवाल के प्लांट गया, जहां वे अकेले थे. अभिषेक ने राजू की तिजोरी से पैसे लेने का प्रयास किया, जिस पर राजू ने विरोध किया. ऐसे में अभिषेक ने पास में रखे शीशे के टुकड़े से राजू पर वार कर दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
हत्या के बाद अभिषेक ने तिजोरी की छानबीन की, लेकिन उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ा. हत्या के बाद वह छिपता रहा लेकिन साढ़े तीन महीने बाद वो पुलिस के गिरफ्त में आ गया. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि आरोपी अभिषेक मृतक का पड़ोसी है. उसके पिता दूध का कारोबार करते हैं. अभिषेक भी खटाल में योगदान देता था और आर्मी की तैयारी करता था. लेकिन दलाल के पैसे मांगने पर वह हत्या जैसी संगीन अपराध कर बैठा. अभिषेक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.
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