पटना: मद्य निषेध एसपी राकेश कुमार सिन्हा द्वारा निर्गत पत्र को लेकर जारी विवाद के बीच बिहार पुलिस मुख्यालय ने मद्य निषेध डीएसपी से स्पष्टीकरण की मांग की है. इस बाबत पुलिस मुख्य ने एक नोटिस जारी की है कि जिसमें उन्होंने मद्य निषेध डीएसपी से बिना विचार किये पत्र निर्गत किए जाने को लेकर स्पष्टिकरण मांगी है.
पुलिस मुख्यालय ने की स्पष्टीकरण की मांग
मुख्यालय द्वारा जारी प्रेस नोट में यह कहा गया है कि बिहार पुलिस मुख्यालय (मद्य निषेध प्रभाग) के कार्यालय से 6 जनवरी को सभी वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक को पत्र निर्गत किया गया था. उक्त पत्र को बिहार पुलिस मुख्यालय (मद्य निषेध प्रभाग) ने 19 जनवरी को निरस्त कर दिया है. गहनता से विचार किये बिना पत्र निर्गत करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक(प्रशासन),मद्य निषेध प्रभाग, बिहार, पटना से स्पष्टीकरण की मांग की गई है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि एसपी मद्य निषेध राकेश कुमार सिन्हा ने 6 जनवरी को सूबे के सभी एसपी और एसएसपी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने शराबबंदी कानून को लेकर बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि उत्पाद अफसरों की मिलीभगत से पूरे प्रदेश में शराब का अवैध धंधा जोरशोर से चल रहा है.
उन्होंने उत्पाद विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर, दारोगा और सिपाही के संपत्ति की जांच होनी चाहिए. उनके साथ ही उनके रिश्तेदारों के चल-अचल संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए. साथ ही उनका लोकेशन भी ट्रेस किया जाना चाहिए.
एसपी का किया गया तबादला
हालांकि, एसपी मद्य निषेध द्वारा लिखे गए पत्र पर संज्ञान लेने की बजाय पटना एसपी ने 19 जनवरी को उनके पत्र निरस्त कर दिया था. इस बाबत पुलिस मुख्यालय से एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें यह बताया गया था कि गुप्त परिवाद विषय में प्राप्त पत्र को निरस्त किया जाता है. पत्र निरस्त करने के साथ ही 19 तारीख को ही एसपी मद्य निषेध राकेश कुमार सिन्हा का तबादला कर दिया गया. मद्य निषेध विभाग से हटाकर कर उन्हें पटना स्पेशल ब्रांच का एसपी बना दिया गया है.
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