पटना: भारी संख्या में आंगनबाड़ी सेविका (Anganwadi Worker) आरजेडी दफ्तर का घेराव करने पहुंची थी. पुलिस ने रोकने के लिए लाठीचार्ज किया. अफरा तफरी मच गई. भागने के क्रम में चप्पल कई सेविकाओं का पैर से निकल गया. आरजेडी दफ्तर के आगे खड़े होकर आंगनबाड़ी सेविका रो-बिलख रही हैं. पुलिस लाठीचार्ज की है. वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है. आरजेडी दफ्तर पर भारी संख्या में पुलिस है. आरजेडी दफ्तर अंदर से लॉक कर दिया गया है. वहीं, आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी का आज जन्मदिन है. हम लोग उनसे मिलने आए थे. जन्मदिन की बधाई देते व अपनी मांगों को पूरा करने उनसे कहते, लेकिन पुलिस पिटाई कर दी.
आरजेडी कार्यालय पहुंची थी आंगनबाड़ी सेविका
आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि हम लोग मानदेय बढ़ाने और सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. बिहार में आंगनबाड़ी सेविकाओं को 5 हजार 950 सैलरी दी जाती है. वो 25 हजार रुपए की जाए. आंगनबाड़ी सहायिका की सैलरी 2700 है वो 18 हजार की जाए. इन लोगों का कहना है कि तेजस्वी ने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि मेरी सरकार बनी तो आप लोगों की सभी मांग पूरी की जाएगी, लेकिन वादा आजतक पूरा नहीं किया गया. महागठबंधन सरकार बने एक साल से ज्यादा हो गए.
चार प्रमुख संगठनों के बैनर तले आंदोलन जारी
बिहार में संचालित 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात करीब 2.15 लाख आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका हैं. बता दें कि आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका 29 सितंबर से ही चार प्रमुख संगठनों के बैनर तले आंदोलनरत हैं. इन संगठनों में बिहार राज्य संयुक्त संघर्ष समिति, बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, बिहार प्रदेश आंगनबाड़ी संघ (इंटक), बिहार राज्य आगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन शामिल हैं.
'एक हफ्ते बाद से पूरे बिहार में प्रदर्शन करेंगे'
आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि एक हफ्ते बाद से पूरे बिहार में प्रदर्शन करेंगे. सड़क जाम करेंगे. यह लोग 6 नवंबर को विधानसभा गेट पर, आर ब्लॉक चौराहा, डाकबंगला चौराहा पर भी प्रदर्शन की थीं. पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. शीतकालीन सत्र चल रहा है. बुधवार को भी पटना में कुछ अलग जगहों पर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने प्रदर्शन की थी.
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