Bihar News: सीएम नीतीश कुमार के मधुबनी दौरे से पहले खुटौना प्रखंड के स्थानीय बाजार और झांझपट्टी गांव में अवैध रूप से संचालित मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. बिहार एसटीएफ ने गुरुवार देर रात फुलपरास अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और खुटौना थाना समेत अन्य थानों की पुलिस के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी की.


छापेमारी के दौरान पुलिस को भारी संख्या में अर्द्धनिर्मित हथियार, निर्माण सामग्री और अन्य उपकरण बरामद हुए हैं. पुलिस द्वारा मामले का अनुसंधान अभी जारी है. घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है. 


कृषि उपकरण मरम्मत की आड़ में चल रही थी गन फैक्ट्री
सूत्रों के अनुसार, यह अवैध फैक्ट्री "मेसर्स किसान इंजीनियरिंग वर्क्स" के नाम से कृषि उपकरण मरम्मत केंद्र की आड़ में संचालित हो रही थी. फैक्ट्री खुटौना थाना से महज 700 मीटर की दूरी पर स्थित थी. छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में निर्माणाधीन हथियार, उपकरण और अन्य सामग्री बरामद की गईं है. पुलिस ने मौके से 5 लोगों को गिरफ्तार किया.


पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि इस अवैध कारोबार के तार मुंगेर तक जुड़े हुए हैं. मुंगेर के कुशल कारीगर इस कारोबार में शामिल थे. इन कारीगरों ने बाबूबरही थाना क्षेत्र के तेघरा गांव में किराए के मकान में रहकर यह काम किया.


5 आरोपी गिरफ्तार 
मामले को लेकर डीएसपी फुलपरास ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा संभावित है, ऐसे में अभी पिछले 15 दिन से गश्ती बढ़ा दी गई है. इसी दौरान 9 जनवरी को ग़श्ती के दौरान अवैध हथियार की गुप्त सूचना मिली. उसके बाद थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने झांझपट्टी गांव स्थित राजू कुमार साह के घर को घेरकर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान दो अपराधी राजू कुमार साह और एक मुंगेर के राज कुमार चौधरी को पकड़ा.


वहां मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ, जिससे कई अर्ध निर्मित हथियार बरामद हुए. वहां से प्राप्त इनपुट के आधार पर खुटौना बाजार स्थित किसान ऑटो पार्ट के यहां छापेमारी की गई. छापेमारी में इस्तियाक आलम, इफ्तिखार आलम और इम्तियाज आलम नाम के तीन व्यक्ति को दबोचा गया. साथ भी भारी मात्रा में हथियार की अर्ध निर्मित सामग्री बरामद हुई. 


स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल
इस घटना ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, खासकर जब 12 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रखंड के दुर्गीपट्टी में "प्रगति यात्रा" के तहत आने वाले हैं. यह घटना प्रशासन की सतर्कता पर भी सवाल उठाती है. खुटौना थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है. पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध कारोबार का नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है.


गौरतलब है कि पुलिस और एसटीएफ की इस त्वरित कार्रवाई से अवैध गतिविधियों में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ तो जरूर हुआ है. लेकिन इस नेटवर्क के पीछे के मास्टरमाइंड और अन्य सहयोगियों को पकड़ने के लिए पुलिस को अभी और मेहनत करनी होगी. हालांकि, पुलिस को उम्मीद है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं. इस घटना से खुटौना और झांझपट्टी के लोग स्तब्ध हैं.


खुटौना बाजार, जिसे व्यापारिक क्षेत्र के रूप में शांतिपूर्ण माना जाता था, वहां गन फैक्ट्री के खुलासे ने स्थानीय निवासियों को झकझोर दिया है. बहरहाल, घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है. लोगों ने ऐसी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है.


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