Bihar Politics: बदलने वाली है बिहार की राजनीतिक बिसात! सहनी से मिलने पहुंचे RJD नेता, बाहर आकर किया बड़ा दावा
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, " नीतीश सरकार की नैया डगमगा रही है, इसकी पतवार सहनी के हाथों में है. कभी भी कुछ भी हो सकता है. हालांकि, अंतिम फैसला तेजस्वी यादव और लालू यादव को ही लेना है."
पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) के बयान के बाद जारी विवाद के बीच आरजेडी (RJD) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mriyunjay Tiwari) बुधवार की देर शाम मंत्री के आवास पहुंचे. यहां दोनों ने काफी देर तक बातचीत की. मुलाकात के बाद बाहर निकले मृत्युंजय तिवारी से जब मंत्री से मिलने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा. केवल इतना ही कहा कि नीतीश सरकार (Nitish Government) की नैया डगमगा रही है, इसकी पतवार सहनी के ही हाथों में है. कभी भी कुछ भी हो सकता है. हालांकि, अंतिम फैसला तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और लालू यादव (Lalu Yadav) को ही लेना है.
पढ़ें- आरजेडी प्रवक्ता ने क्या कहा
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, " वैशाली का एक मैराथन का खिलाड़ी है अरुण सहनी, उसने बहुत सारे पदक जीते हैं. उसी की नौकरी को लेकर वे मुकेश सहनी के पास आए थे. मुकेश भी उस समाज से आते हैं, इसलिए इसको लेकर बातचीत हुई है." हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि मंत्री मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव को अपना भाई बताया था और आज ही वे उनसे मुलाकात करने पहुंच गए तो वे ये कहते हुए निकल गए कि आज की मुलाकात को राजनीति के रूप से न देखा जाए.
मंत्री मुकेश सहनी ने कही थी ये बात
बता दें कि आज ही एनडीए (Bihar NDA) में जारी विवाद के बीच सहनी ने कहा था, " तेजस्वी यादव से हमारा 2018 से ही अच्छा संबंध रहा है. हमने 2019 में साथ में ही लोकसभा का चुनाव लड़ा. हमारा संबंध हमेशा से अच्छा रहा है. वे मुझे बड़ा भाई और मैं उन्हें छोटा भाई मानता हूं. कई बार मंच पर ऐसा संबोधन भी किया गया, तो यह सब चीजें हैं. उन्होंने कहा था, " हम लोग गरीब समाज से आते हैं. खास करके लालू यादव (Lalu Yadav) की विचारधारा को हम हमेशा अपनाते आए हैं. गरीबों को न्याय मिले यही हम दोनों का मनाना है. इस बात से हम एक प्रतिशत भी पीछे नहीं हटने वाले हैं."
सहनी ने कहा था, " भविष्य किसी ने नहीं देखा है. उनके और हमारे विचार एक साथ मिल जाएं तो भविष्य में कुछ भी हो सकता है. राजनीति साथ हो सकती है. बस विचारधारा की बात है. इसमें बहुत ज्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं है. विचारधारा तो हम लोगों ने साथ में ही शुरू किया है."
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