पटना: बिहार के सियासी गलियारों में इनदिनों हाई वॉल्टेज ड्रामा चल रहा. एनडीए नेताओं के आपस में उलझने के बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. खासकर लालू यादव के जेल से बाहर होने की वजह से कयासों को और हवा मिल रही है. इन्हीं कयासों के बीच शुक्रवार को लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एनडीए घटक दल 'हम' के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी से मिलने पहुंचे.


आरजेडी ने दी खुली चुनौती


बीते कुछ दिनों से बीजेपी से नाराज चल रहे मांझी और आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव के मुलाकात के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं मांझी पाला ना बदल लें. इन्हीं कयासों के बीच आरजेडी ने एनडीए नेताओं को खुली चुनौती दी है कि वे अगर सरकार बचा सकते हैं, तो बचा लें. 


आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंज तिवारी ने कहा, " हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और तेज प्रताप यादव ने आज  मुलाकात की. समझने वाले समझ गए, जो ना समझे वो अनाड़ी हैं. तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर कहा है कि जीतन राम मांझी उनके अभिभावक हैं. मांझी एनडीए में सशरीर हों , लेकिन उनका दिल लालू यादव जी के विचारधारा के साथ ही है."


आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, " लालू यादव के विचारधारा की लड़ाई जीतन राम मांझी ने साथ मिलकर लड़ी है. आज एनडीए में उनका दम घुट रहा है. कई मौकों पर उन्होंने अपना विरोध भी दर्ज कराया है. ऐसे में हम एनडीए और बीजेपी के लोगों को चुनौती दे रहे हैं कि सरकार को बचा सको तो बचा कर दिखाओ."


दोनों नेताओं ने साधी चुप्पी 


बता दें कि लालू यादव के 74वें जन्मदिन के अवसर पर तेज प्रताप ने जीतन राम मांझी से मुलाकात सबको चौंका दिया है. साथ ही तरह-तरह के कयास लगाने का एक मौका भी दे दिया है. हालांकि, मुलाकात को लेकर दोनों नेता अभी कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं. 


मुलाकात के बाद मांझी ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी. राजनीतिक बातों को छोड़कर कुछ सामाजिक बातें हों. इसका राजनीति से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई किसी से मिल सकता है. हमने लालू यादव को जन्मदिन की बधाई भी दी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए में नहीं रहने वाली कोई बात नहीं है. इधर, तेज प्रताप ने कहा कि अगर किसी का मन डोल रहा है तो वो महागठबंधन में आ सकता है.


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