बिहार: NDA को टक्कर देने के लिए शुरू हुई सियासी गोलबंदी, लेफ्ट की पार्टियों ने भी किया महागठबंधन का रुख
बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही एनडीए को मात देने के लिए सूबे में पार्टियों की सियासी गोलबंदी शुरू हो गई है. इसी क्रम में सीपीआई और सीपीएम ने बुधवार को महागठबंधन के साथ मिलकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव चुनाव को लेकर अब सियासी गोलबंदी शुरू हो गई है. एनडीए को टक्कर देने के लिए लेफ्ट की पार्टियां महागठबंधन के नेताओं संपर्क में हैं और कुछ ने पार्टियों ने तो गठबंधन कर भी लिया है. इस क्रम में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी वार्ता के लिए गठित सीपीआई-एमएल की टीम के हवाले से पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा कि आगामी चुनाव में बीजेपी-जेडीयू को हराना हमारी पार्टी का प्रमुख कंसर्न है. इसके लिए महागठबंधन की पार्टियों और वामपंथी दलों के बीच लगातार विभिन्न स्तरों पर बातचीत की प्रक्रिया जारी है. हमें उम्मीद है कि इस बार विपक्ष मजबूत एकता के साथ चुनाव में उतरेगा और फासीवादी बीजेपी और जनादेश से गद्दारी करने वाले नीतीश कुमार के गठबंधन को शिकस्त देगा.
उन्होंने कहा कि बातचीत में बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ चुनावी रणनीति तय करने से लेकर सीट शेयरिंग पर भी आरंभिक बातचीत हुई है. पिछले दिनों सीपीआई-एमएल के नेताओं ने सीपीआई, सीपीआइएम, आरजेडी-कांग्रेस के नेताओं से बातचीत की है और चुनाव संबंधी विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की है. अन्य दल भी लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं और बातचीत की प्रक्रिया चल रही है.
माले नेता धीरेन्द्र झा ने कहा कि बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ हर स्तर पर विक्षोभ है, इसलिए ये दल वर्चुअल तरीके से चुनाव करवाकर चुनाव को हड़प लेने की कोशिश कर रही हैं. विपक्ष की पार्टियां उनके इस मंसूबे को बखूबी समझती है, इसलिए हम लगातार बैलेट से चुनाव करवाने और कोविड के संक्रमण को कम करने के लिए 250 वोटरों पर बूथ का गठन करने की मांग कर रहे हैं. पोस्टल बैलेट का हम विरोध कर रहे हैं, क्योंकि व्यापक पैमाने पर उसे जारी किए जाने से चुनाव में धांधली की व्यापक गुंजाइश पैदा होती है.
जहां तक खुद हमारी पार्टी का सवाल है, हमने जमीनी स्तर पर तैयारी आरंभ कर दी है. सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के लिए अभी तक हमने 30 हजार व्हाट्सऐप ग्रुप बना लिए हैं. हम हर तरह से बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं.
बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही एनडीए को मात देने के लिए सूबे में पार्टियों की सियासी गोलबंदी शुरू हो गई है. इसी क्रम में सीपीआई और सीपीएम ने बुधवार को महागठबंधन के साथ मिलकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक संयुक्त शिष्टमंडल ने आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए को हराने करने के लिए बिहार की सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी पार्टियों को एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति तय करने के लिए बुधवार को आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ मिलकर बातचीत की है.
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