पटनाः नालंदा में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. रविवार को नालंदा के जिलाधिकारी और एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है. इधर शराबबंदी को लेकर सियासत पूरी तरह गरमा गई है. अब मौत के बाद कई पार्टियों ने सवाल उठा दिया है. बीजेपी, आरजेडी, हम और पप्पू यादव ने शराबबंदी को लेकर कई बातें कही हैं. जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने तो यहां तक कह दिया कि अगर देश में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कृषि कानून को वापस ले सकते हैं तो शराबबंदी क्यों नहीं?
बीजेपी के प्रवक्ता अजीत चौधरी ने रविवार को कहा कि शराबबंदी से किसको फायदा हो रहा है यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं. सिर्फ शराब माफिया इसमें गुलजार हो रहे हैं. पटना हाई कोर्ट में 15 जज सिर्फ शराबबंदी पर केस देखते हैं, जिसके कारण बाकी मामला लंबित रहता है. अन्य मामलों में लोगों को न्याय कैसे मिलेगा? बिहार में शराबबंदी के नाम पर आए दिन हत्या हो रही है. शराब से मौत को हत्या ही कहा जाएगा. उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि आप अपने घटक दल, विपक्षी पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक करें. शराबबंदी पर चर्चा करें और उसके बाद निर्णय लें. यह अब बहुत जरूरी है.
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बिहार की जनता को एनडीए से छुटकारा की जरूरत
बीजेपी के बाद राष्ट्रीय जनता दल भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करने में लगा है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अब तो बीजेपी भी सरकार पर शराबबंदी को लेकर सवाल उठा रही है. संजय जयसवाल, नीतीश सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि नालंदा में बड़े पैमाने पर शराब मिलती है. मुख्यमंत्री के गृह जिले में जब शराब मिलती है तो इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं. मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. जब उनके गृह जिले में इस तरह से जहरीली शराब से मौत हो रही है और बीजेपी ही मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रही है तो ऐसे में बिहार की जनता को एनडीए से छुटकारा की जरूरत है.
जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव नालंदा में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे. सबको दस-दस हजार रुपये भी दिए. इस दौरान पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला. कहा कि बिहार में जनहित के मामले भुला दिए गए हैं. सिर्फ शराब शराब शराब ही बिहार में चर्चा बनी रहती है.