Political Storm Over Prashant Kishor Statement: बिहार में एक अलग मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है. चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने हाल ही में बयान दिया है कि जन सुराज की सरकार बिहार में बनती है तो शराबबंदी को वो खत्म कर देंगे. इसके पीछे की उन्होंने वजह भी बताई है. कहा है कि शराबबंदी से सरकार को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. यह पैसा भ्रष्ट अधिकारियों, शराब माफिया और नेताओं की जेब में जा रहा है. अब इस पर बिहार में सियासी तूफान उठ गया है. जानिए इस पर जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी का स्टैंड क्या है.


जेडीयू ने कहा- छात्राएं होश ठिकाने लगा देंगी


प्रशांत किशोर के शराबबंदी खत्म करने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, "प्रशांत किशोर पटना में बेली रोड पर एक हवेली में रहते हैं. उसके ठीक बगल में जेडी वीमेंस कॉलेज है. उसके आगे वीमेंस कॉलेज है. प्रशांत किशोर में हिम्मत है कि वहां लड़कियों के हुजूम के बीच आकर बोले दें कि हमारी सरकार बनी तो शराबबंदी हटाएंगे? छात्राएं उनका होश ठिकाने लगा देंगी. 


अरविंद निषाद ने कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार का ऐतिहासिक फैसला है जिसने आठ साल में बिहार की तस्वीर और तकदीर बदल दी. पीएम मोदी ने भी शराबबंदी की तारीफ की है. शराबबंदी से अपराध में कमी आई है. पारिवारिक कलह के मामलों में कमी आई है. दुर्घटनाओं में कमी आई. इस तरह की घोषणाएं कर प्रशांत किशोर जनता को नचा रहे हैं. गुमराह कर रहे हैं.


बीजेपी ने कहा- 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने'


बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि कौन हैं प्रशांत किशोर? नहीं जानते हम लोग. एक प्रशांत किशोर का नाम सुने हैं जिन्होंने ममता बनर्जी, कांग्रेस, आरजेडी को जिताने का टेंडर लिया था. राजनीतिक दलों को जिताने-हराने का टेंडर लेते हैं. कहा कि जिस राजनीतिक दल का जन्म नहीं हुआ है उसके नेता बिहार बदलने की बात कर रहे हैं. यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने हैं.


'मदिरालय नहीं पुस्तकालय, विद्यालय, महाविद्यालय चाहिए'


आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर कह रहे मदिरालय खोलेंगे, लोगों को वह शराब पिलाएगे. वह लोगों को शराबी बनाएंगे. आज तक प्रशांत किशोर वार्ड पार्षद तक का चुनाव नहीं लड़े हैं. यह सरकार बनाने का दिवास्वप्न देख रहे हैं. रोज अनाप-शनाप बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. उन्होंने शराबबंदी को एनडीए सरकार के लिए विफल बताया. कहा कि यह सरकार की नाकामी है. जनता प्रशांत किशोर को खारिज करेगी तब उनको पता चल जाएगा कि जनता राजनीतिक रूप से कितनी जागरूक है. मदिरालय नहीं पुस्तकालय, विद्यालय, महाविद्यालय चाहिए. 


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