Bihar Caste Survey Report: जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी- इस नारे से सबसे ज्यादा नुकसान किसे होगा? समझिए
Bihar Caste Survey: जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद बिहार में राजनीतिक दल फायदे और नुकसान को लेकर रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
पटना: बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey Report) की रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक संख्या अति पिछड़ी जाति का बताया गया है जो 36. 01% है जबकि दूसरे नंबर पर पिछड़ी जाति 27.12% , अनुसूचित जाति 19.65 ,प्रतिशत अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के 15.52% है. अब सवाल उठता है कि अति पिछड़ी जाति की संख्या बिहार में सबसे अधिक है और सोमवार को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार सरकार का यह सराहनीय कदम है जिसकी जितनी संख्या होगी उतनी उसकी हिस्सेदारी होगी. अब ऐसे में किसे फायदा और किसे नुकसान होगा यह सबसे बड़ा सवाल है.
महागठबंधन को मिल सकता है फायदा!
2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर महागठबंधन सरकार काफी खुश दिख रही है. क्योंकि उनके हिसाब से उन्हें फायदा मिल सकता है अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग मिलकर 63% से अधिक है तो क्या बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है? इस पर राजनीति विशेषज्ञ संतोष कुमार ने बताया कि निश्चित तौर पर अगर बीजेपी इस रिपोर्ट का विरोध करती है तो महागठबंधन को इसका फायदा होगा, लेकिन अति पिछड़े समाज के लोग जो अभी तक उन्हें पूरी तरह से ऊपर नहीं उठाया गया है ना राजनीतिक तौर पर सामाजिक तौर पर आगे हुए हैं. वह अपने हक की बात कर सकते हैं और उसके लिए जो आगे आएंगे उन्हें फायदा होगा. संतोष कुमार ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि पूरी तरह बीजेपी को नुकसान ही होगा, लेकिन जिस तरह से बीजेपी का स्टैंड रहा है और अगर वह अब भी उसी स्टैंड पर चलती है तो बीजेपी को ज्यादा नुकसान होगा.
पीएम नरेंद्र मोदी भी अति पिछड़ा जाति से आते हैं- निखिल आनंद
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बीजेपी को इस रिपोर्ट से कोई नुकसान नहीं होने वाला है. क्योंकि सबसे अधिक संख्या अति पिछड़ा की है और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अति पिछड़ा जाति से आते हैं. राजनीति तौर पर बीजेपी ने अति पिछड़ा को आगे बढ़ने का काम किया है. हरि सहनी जो अति पिक्षड़ा समाज से आते हैं उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. धानुक समाज से आने वाले शंभू शरण पटेल को राज्यसभा सांसद बनाया गया. नीतीश कुमार ने धानुका कोईरी-कुशवाहा सबको एकजुट करने का काम किया, लेकिन आज तक उन्होंने राजनीतिक तौर पर आगे नहीं किया और उस समाज के लिए क कुछ नहीं किया.
'जिससे सीधे तौर पर अति पिछड़ा समाज को फायदा होगा'
बीजेपी नेता ने कहा कि बीजेपी सभी वर्गों को लेकर चलती है. कुशवाहा समाज के हमारे प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की बहुत सारी योजना अति पिछड़ा समाज के लिए है जो हाल में ही विश्वकर्म योजना केंद्र सरकार ने चलाया है जिससे सीधे तौर पर अति पिछड़ा समाज को फायदा होगा तो अति पिछड़ा समाज साथ-साथ सभी वर्ग के लोग बीजेपी के साथ है.
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