तेजस्वी यादव के बिहार आने की अनुमति मांगने से चढ़ा सियासी पारा, सरकार और विपक्ष आए आमने-सामने
बीजेपी ने यह कहते हुए तंज कसा है कि तेजस्वी किससे पूछ कर गए थे दिल्ली. वहीं कांग्रेस का कहना है कि तेजस्वी सेवा के लिए सरकार से अनुमति की मांग कर रहे हैं तो इसमें क्या एतराज है.
पटना: कोरोना महामारी में ज़मीन पर काम करने की बदौलत जनता के बीच हीरो बने पप्पू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी यादव एक्टिव हो गए हैं. उन्होंने बिना नाम लिए पप्पू यादव को ड्रामेबाज करार दिया था. आरजेडी की तरफ से पप्पू यादव को सरकार का एजेंट तक कह डाला.
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा सरकार से बिहार आने की परमिशन मांगने पर सूबे का सियासी पारा गरम हो गया है. सत्ता व विपक्ष आमने-सामने आकर एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. बीजेपी ने यह कहते हुए तंज कसा है कि तेजस्वी किससे पूछ कर गए थे दिल्ली. पप्पू यादव के डर से बिहार आना चाहते हैं. सुर मिलाते हुए जेडीयू ने तेजस्वी को प्रवासी ट्विटर बबुआ और लापतागंज का नायक कहते हुए घेरा. साथ ही लालू परिवार को ट्विटर फैमिली बताते हुए कोरोना काल के ट्विट का लेखा-जोखा पेश कर दिया.
इसी क्रम में तेजस्वी को आड़े हाथों लेते हुए पूर्व सीएम व हम के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने पूछा कि खुद अपने सरकारी आवास में कोविड अस्पताल खोल रहे हैं, तो सरकार से क्यों डॉक्टर और नर्स मांग रहे हैं. सत्ता पक्ष के आरोपों की बौछार के जबाव में आरजेडी ने भी मोर्चा खोलते हुए अतीत की याद दिलाई, जब कोरोना की पहली लहर में लोगों की मदद को निकले तेजस्वी के खिलाफ ताबड़तोड़ एफआईआर दर्ज किए गए थे. आरजेडी के समर्थन में कांग्रेस ने डबल इंजन यानी दिल्ली से पटना तक की सरकार को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कसाई तक कह डाला.
बीजेपी प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने तेजस्वी जी से पूछना चाहता हूं कि किससे पूछकर दिल्ली गए थे कि अब बिहार आने की परमिशन मांग रहे हैं. वे बिहार की जनता के लिए नहीं, बल्कि पप्पू यादव के खौफ से बिहार आना चाहते हैं. याद होगा जब पप्पू यादव इनसे राजनीतिक समर्थन मांग रहे थे, तो आरजेडी परिवार के लोगों ने उनकी ऐसी-तैसी कर दी थी. तेजस्वी यादव कांग्रेस की टूलकीट प्रोपोगंडा कंपनी के सक्रिय सदस्य बन गए हैं. राहुल गांधी दुनियाभर में नरेंद्र मोदी जी को बदनाम करने में लगें हैं. वहीं तेजस्वी जी देशभर में बिहार की एनडीए सरकार को बदनाम करने में लगे हैं. अब जब बिहार में कोविड को लेकर सारे इंतज़ाम दुरुस्त है तो तेजस्वी जी अपने विधायको को क्षेत्र में भेजने की नौटंकी करने के साथ खुद बिहार आने का परमिशन मांग रहे हैं.
जेडीयू और हम ने भी की तेजस्वी की आलोचना
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने व आम लोगों की परेशानी से उन्हें निजात दिलाने के लिए उनके भोजन, आवासन और स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं. उनका जो दायित्व है जन सेवा का, उसमें दिन-रात लगे हुए हैं. दूसरी तरफ एक ट्वीट परिवार है लालू परिवार. इस पूरे कोविड काल में उन्होंने 737 ट्वीट और रिट्वीट किए हैं. अब तो तेजस्वी यादव का मुकाबला उनके घर में ही हो गया है. विदेश से ट्वीट हो रहे हैं और घर में ही उनकी राजनीतिक सत्ता की चुनौती मिल रही है तो बेचैनी बढ़ गई है. जनाधार खिसकने का भय हुआ तो प्रवासी ट्वीटर बबुआ ने अपने विधायक दल को निर्देशित किया कि आप क्षेत्रों में जाकर जन सेवा कीजिए. खुद तो निगेटिव हैं और दिल्ली में हैं. वहां किस मुहल्ले में है, मुझे नहीं मालूम. पर उन्हें एसडीएम से परमिशन लेकर बिहार आना चाहिए. खुद प्रवासी हैं और दूसरे को सलाह दे रहे हैं.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आप 420 के आरोपी हैं. आप लालू यादव के बेटे हैं तो खुद दिल्ली में बैठ कर विधायक को इस तरह निर्देशित कर रहे हैं जैसे कोई डिक्टेटर करता है. सरकारी आवास आपके पिता की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति या जागीर नहीं है. वहां पार्टी का कोविड केयर सेंटर खोलना, आंखों में धूल झोंकना है. आपकी मंशा साफ नहीं है. यह लापतागंज के नायक तेजस्वी यादव का नया राजनीतिक नाटक है. आपके दल के अल्पसंख्यक विधायक ने नवादा जिला प्रशासन पर भरोसा करके सरकारी अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर सौंपा और आप अपने सरकारी आवास में बेड लगा रहे हैं. हम जानना चाहते हैं कि आपके घर में डॉक्टर हैं और उनके सहयोगी भी होंगे. तो क्या आप उनकी सेवा भी उपलब्ध कराएंगे. साथ ही उस कोविड केयर सेंटर में आप कोविड मरीजों के मनोबल को बढ़ाने के लिए क्या खुद वहां निवास करेंगे या नहीं. इसकी भी आपको सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए.
पूर्व सीएम, जीतन राम मांझी ने कहा, “तेजस्वी द्वारा अपने सरकारी आवास में कोविड अस्पताल बनाने पर कटाक्ष करते हुए पूर्व सीएम व हम (हिंदुस्तान अवामी मोर्चा) के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने कहा की यह सिर्फ दिखावा है. जब पूरा पटना डूबा था या चमकी बुखार या अन्य संकट के समय तो वह बाहर चले जाते है. आज लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण के दर में काफी गिरावट आई है. अगर इनको करना था तो जब कोरोना संक्रमण पीक पर रहते करते. जब स्थिति संभल गयी है तो अब हॉस्पिटल बनाने का क्या मतलब है. अगर सेवा भाव से बनाए ही हैं तो सरकार से डॉक्टर की मांग क्यों कर रहे है. सरकार तो खुद अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों व नर्सों को दे रही है. मांग कर यह जनता को दिखाना चाहते है कि हमने डॉक्टर मांगा तो सरकार ने नहीं दिया. मानते है सरकार नहीं देगी और देनी भी नहीं चाहिए. अन्य निजी रूप से जो सेवा कर रहे है तो क्या सरकार से मागंते है. जब हॉस्पिटल बनाया है तो अपने स्तर पर डॉक्टर भी लाएं. सरकार से मांग करना फिजूल की बात है. अगर हम अपने घर पर कोविड हॉस्पिटल बना दें तो सरकार डॉक्टर देगी क्या? निजी स्तर से डॉक्टर मंगवा कर इलाज करवाइए. सरकारी आवास मिला है तो इसे आप इस रूप में प्रयोग कर रहे है. नियमतः सरकारी आवास पर हॉस्पिटल नहीं होना चाहिए. अगर बनाएं ही है तो सरकार क्यों देगी डॉक्टर, खुद व्यवस्था करें.
आरजेडी-कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना
वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में जब नेता प्रतिपक्ष बाहर निकल कर लोगों की मदद कर रहे थे तो सरकार ने उन पर आधा दर्जन मुकदमे कर दिए थे. इस बार तेजस्वी लगातार सरकार को आईना दिखा रहे हैं. नाकामी को उजागर कर रहे हैं. पर तेजस्वी यादव ने आरजेडी के सभी नेता व विधायकों को निर्देशित किया है कि सभी जगहों पर आरजेडी कोविड सेंटर के माध्यम से लोगों की मदद करें. यह धरातल पर दिख रहा है. सरकार कहीं भी नहीं दिख रही है. चंद लोगों को राहत सामग्री देकर कुछ लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने का काम कर रहे थे. यह काम तेजस्वी यादव नहीं कर सकते. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है कि हमें इजाजत दें, ताकि अस्पतालों में जाकर देखें कि क्या व्यवस्था है. मुख्यमंत्री जी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. आपदा के समय नेता प्रतिपक्ष को गायब बता कर जो लोग सवाल ख़ड़े कर रहे हैं, तो सत्ता में बैठे उन लोगों को यह ज्ञान होना चाहिए पहले निकले तो मुकदमे किए गए. अब अनुमति मांग रहे हैं तो नहीं दे रहे हैं. साफ दिख रहा है कि तेजस्वी यादव से सरकार भयभीत है. सरकार न मदद कर रही है और जो मदद कर रहे हैं, उन्हें भी नहीं करने दे रही है. कुछ लोग सरकार के साथ मिलकर प्रपंच रच रहे थे. उनकी भी पोल खुल चुकी है कि किस तरह मीडिया में आने के लिए फोटो खिंचवा रहे थे. सुर्खियां बटोरने के लिए मदद नहीं की जाती. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के निर्देश पर सरजमीं पर जो मदद होती है, वह आरजेडी के एक-एक नेता व कार्यकर्ता कर रहे हैं.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि कोरोना महामारी में कोई कसाई ही वोट की बात कर सकता है. यह भारत सरकार और बिहार सरकार कर रही है, जो कसाई से कम नहीं हैं. विपक्षी तो सेवा कर रहे हैं चाहे कांग्रेस हो या आरजेडी या तमाम विपक्षी दल. सभी सेवा में लगे हैं. देश में ‘ऑक्सीजन मैन’ बन कर उभरे श्रीनिवासन कांग्रेस से आते हैं. बिहार में भी कांग्रेस और आरजेडी के तमाम लोग कोरोना पीड़ितों के सेवा में लगे हैं. पर सरकार क्या कर रही है. वह बस जो सेवा करने जा रहे हैं, उन पर मुकदमे कर रही है. उन्हें जेल में भेज रही है. ऐसी स्थिति में तेजस्वी सेवा के लिए सरकार से अनुमति की मांग कर रहे हैं तो इसमें क्या एतराज है. अगर सरकार को लगता है कि उन्हें तेजस्वी यादव को अनुमति देना चाहिए तो दें. अनुमति के बाद तेजस्वी मैदान में उतर कर सेवा करेंगे. वे पहले भी करते रहे हैं और अब भी करना चाहते हैं. पर सरकार खुद सेवा नहीं करती और न विपक्ष को करने देती है जो बिना अनुमति के सेवा करने निकले, उन पर मुकदमे कर उन्हें जेल भेज रही है सरकार.